Book Title: Agam 08 Ang 08 Antkrutdashang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari

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Page 119
________________ ॥ अष्टम-वर्ग । जइणं भंते! अट्ठमस्स वग्गरस उक्खेवओ जाव णवरं दस अज्झयणापण्णचा, तंजहा काली, सुकाली, महाकाली, कण्हा, सुकण्हा, महाकण्हा, वीरकण्हाय बोधवा; रामकण्हा तहेव पियसेणकण्हा, नवमा, दसमी महासेनकण्हा ॥१॥ जइणं भंते ! अट्ठमस्स गस्स दस अज्झयणा पण्णता पढमस्स अज्झयणस्स के अटे पण्णत्ते ? ॥ २ ॥ एवं खलु जंबू ? तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपाएनामं नगरी होत्था, पुणभद्दे चेइए, कोमिएराया ॥ ३॥ तत्थणं चंपाए णयरीए सेणियरण्णो में यदि अहो भगवन् ! आठमा वर्ग का उक्षेप-यावत् इतना विशेष-दश अध्ययन कहे. जन के नाम१. काही राणी का, २ मुकाली राणी का, ३ महाकाली सनी का, ४ कृष्णा राणी का, ५ मुकृष्ण राणी का, ६.महाकृष्ण राणी का, ७ वीरकृष्ण राणी का, ८ रामकृष्ण राणी का, ९प्रियसेन कृष्ण राणी का, और १० महासेन कृष्ण राणी का ॥ १ ॥ यदि अहो भगवन् ! आठवे वर्ग के दश अध्ययन * कहे, तो अहो भगवन् ! प्रथम अध्ययन का क्या अर्थ कहा है ? ॥२॥ यों निश्चय, हे जम्मू ! उसः काल उस समय में चम्पा नामकी नगरी थी, ईशान कौन में पूर्णभद्र नामका चैस था, कोणिक नामे रामा17 राज्य कस्ता या ॥ ३॥ वहां चम्पा नगरी में श्रेणिक राजा की भारिया, कोषिक राजा की छोटी माता! . । 49488 अहवांग-बंतगड दर्शनसब4888 23421एमवर्गका प्रथम अध्ययन 438 - Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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