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समवायाङ्गसूत्रे
आह्लादजनक और चित्त को हरण करनेवाला होता हैं। तथा दर्शकजन के मन में अपूर्व आह्लाद का कारण होता है । (अमरिसणा) अमर्षणाःअपकारी जनों पर भी इन्हें क्रोध नहीं आता है । (पयंडदंडप्पगारा) प्रकाण्डदण्डप्रकाराः - इनका नीतिका भेदरूप दण्ड प्रकार उत्कृष्ट होता है । ( गंभीर दरिसणिजा) गम्भीर दर्शनीयाः - इनकी अन्तःवृत्ति अलक्ष्यमाण होने से ये बहुत ही गंभीर दिखलाई देते हैं । (तालद्ध ओविद्ध गरूलकेऊ) तालध्वजो द्विद्धगरूड केतवः - बलदेवों की पताकाए- ध्वजाएँ - तालवृक्ष के चिह्नों से अंकित होती हैं और वासुदेवों की ध्वजाएँ गरूड के चिह्न से युक्त होती हैं। ( महाविकट्टा ) महा विकृष्टकाः - बडे से बडे वीर भी जिस धनुष को नहीं चढ़ा सकते हैं उस धनुष को ये चढाते हैं । ( महासत्तसायरा महासत्त्वसागराः - विशिष्टबल के ये धारी होते हैं (दुद्धरा) दुर्धराः - रणाङ्गण में प्रहार के समय कोई भी धनुर्धारी इन्हे धारण नहीं कर सकता है अर्थात् इन पर उसके धनुष का वार नहीं होता है । (धनुद्धरा) धनुर्धराः- ये बडे भारी धनुर्धारी होते हैं (धीर पुरिसा) धीर पुरुषा:-धीरपुरूषों में ही इनका पुरुषकार बिशिष्ट होता है । कातरों में नहीं । (जुद्व कित्तिपुरिसा) युद्ध कीर्तिपुरुषा:- ये युद्ध जनितकीर्ति प्रधान पुरूष होते हैं। (बिलकुलसमुन्भवा) विपुलकुलसमुद्भवाः- ये वडे ऊँचे खानदान के અને ચિત્તાક ક હોય છે. અને દČકને (જોનારને) મનમાં અપૂર્વ આહ્લાદદાયક होय छे. (अमरिसणा) अमर्षणा- अहारी बोडी पर तेभने ओघ थतो नथी. (पडदंडप्पगारा) प्रकाण्डदण्ड प्रकाराः - 13–તેમના નીતિના ભેદરૂપ દંડપ્રકાર उलट होय छे. ( गंभीरदरिस णिज्जा) गम्भीरदर्शनीया:- तेभनी अन्तर्वृत्ति સમજી શકાય તેવી હાતી નથી, તેથી તે ઘણા ગંભીર દેખાય ( तालद्ध ओविद्ध गरूल केऊ ) तालध्वजोद्विद्धगरुड केतवः -- जगहेवनी પતાકાએ તાલવૃક્ષનાં નિશાનવાળી હાય છે, અને વાસુદેવની પતાકાઓ गरुडना निशानबाजी होय छ. ( महाविकट्टया) महाविकृष्टकाः -- २ धनुष्यने વીરમાં વીર પુરુષ પણ ચઢાવી શકતે નથી તે ધનુષ્યને તેએ ચઢાવી
छे.
छे. ( महासत्तसायरा ) महासत्त्वसागराः - तेथे विशिष्ट मजथी युक्त होय छे. (दुद्धरा) दुर्धराः - समरागशुभां । या धनुर्धारी पोताना धनुष्यमाथी तेमना પર પ્રહાર કરી શકતા નથી. અથવા બીજા કાઇપણ ધનુર્ધારી ધારણ ન કરી શકે तेवा धनुष्यने धारणु पुरनारा होय छे. ( धणुद्धरा) धणुर्धराः - तेथे धणा लाই धनुधारी होय छे. ( धीरपुरिसा) धीरपुरुषा:-धीरपुरुषोमां ने तेभने। पुरषहार विशिष्ट थाय छे, एयरोमां नहीं (जुद्धकित्तिपुरिसा : ) युद्धकीर्तिपुरुषा:तेयो युद्धनित प्रीतिपाणा पुरुषो होय छे (बिउलकुलसमुन्भवा) विपुल कुल
શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર
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