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'बरडिया निवास' के नाम से प्रसिद्ध है, आप की माताजी श्री छेल. बाईजी, चाचीजी श्री दाखबाईजी विराजती हैं वे धर्म की बहुत ही श्रद्धालु हैं, आपके घर में धर्मध्यान हमेशा होता ही रहता है तथा आप तीनों भाईयों की तमाम सन्ताने धर्मप्रिय है आप तीनों भाइयों में बहुत घनीष्ठ प्रेम हैं भगवान से यही प्रार्थना है कि हमेशा ऐसाहि प्रेम और स्नेह भावना कायम रहै ।
आप तीनों भाईयों के परिवारों के नाम
श्रीमान् मूलचंदजी सा. का परिवार-आपके धर्मपत्नी अ. सौ. श्री. कंचनबाई हैं आप के दो पुत्रीयें और चार पुत्र हैं, जिनके नाम सरदार कुंवरव्हेन और सरलाव्हेन पुत्रों के नाम श्री ज्ञानचंदजी श्री हैमचंदजी श्री लालचंदजी श्री यशवंतकुमारजी.
श्रीमान मिश्रीलालजी सा. के परिवार के नाम-आपकी धर्मपत्नी अ. सौ, श्री अचरजचाइ आपके दो पुत्र है तीन पुत्री यें हैं. पुत्र श्री नवरत्नमलजी श्री गुलाबचंदजी पुत्रीये श्री सुशिलादेवी श्री सरोजदेवी श्री सवितादेवी.
श्रीमान् पुनमचंदजी सा. के परिवार के नाम-आप के धर्मपत्नी अ. सौ. श्री चांदकुंवरबाई आपके पांच पुत्रीया हैं और दो पुत्र हैश्री शशिकलादेवी श्री शकुंतलादेवी श्री स्नेहलतादेवी श्री शारदादेवी शीलादेवी पुत्रो के नाम श्री राजकुमार श्री सतीशकुमार है यह सारा हि परिवार बडा विनयशीलविनीत धर्म के श्रद्धालु और धर्मप्रेमी है बडीबात तो यह है कि आप के परिवार में सांप्रदाइक बंधन नहीं है गुणानुरागी बन अभेद भाव से सभी मुनिवरों बसा धर्मीयों की सेवा बजाते रहते हैं.
શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર