Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission

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Page 9
________________ आचारांग सूत्र - पढमो सुयखंधो तइओ उद्देसो से बेमि- से जहा वि अणगारे णियागपडिवण्णे अमायं कव्वमाणे वियाहिए | । जाए सद्धाए णिक्खंतो तमेव अणुपालिया वियहित्तु विसोत्तियं | पणया वीरा महावीहिं । लोगं च आणाए अभिसमेच्चा अक्तोभयं । से बेमि- णेव सयं लोग अब्भाइक्खेज्जा, णेव अत्ताणं अब्भाइक्खेज्जा । जे लोग अब्भाइक्खड़, से अत्ताणं अब्भाइक्खड़; जे अत्ताणं अब्भाइक्खड़, से लोगं अब्भाइक्खड़ । लज्जमाणा पुढो पास । 'अणगारा मो' त्ति एगे पवयमाणा, जमिणं विरूवरूवेहिं सत्थेहिं उदयकम्मसमारंभेणं उदयसत्थं समारंभमाणे अण्णे वि अणेगरूवे पाणे विहिंसइ । तत्थ खलु भगवया परिण्णा पवेइया- इमस्स चेव जीवियस्स, परिवंदण माणण पूयणाए, जाई मरण मोयणाए, दुक्खपडिघायहेडं, से सयमेव उदयसत्थं समारंभइ, अण्णेहिं वा उदयसत्थं समारंभावेइ, अण्णे वा उदयसत्थं समारंभंते समणुजाणइ । तं से अहियाए तं से अबोहीए | से तं संबुज्झमाणे आयाणीयं समुट्ठाए । सोच्चा खलु भगवओ, अणगाराणं वा अंतिए, इहमेगेसिं णायं भवड- एस खल गंथे, एस खल मोहे, एस खल मारे, एस खलु णरए । इच्चत्थं गढिए लोए । जमिणं विरूवरूवेहिं सत्थेहिं उदयकम्मसमारंभेणं उदयसत्थं समारंभमाणे अण्णे वि अणेगरूवे पाणे विहिंसइ । ५ से बेमि- संति पाणा उदयणिस्सिया जीवा अणेगे । इहं च खलु भो अणगाराणं उदय जीवा वियाहिया। सत्यं चेत्थ अणुवीइ पास | पुढो सत्थं पवेइयं । अदुवा अदिण्णादाणं । __ कप्पड़ णे, कप्पड़ णे, पाउं अदुवा विभूसाए | पुढो सत्थेहिं विउद॒ति । एत्थ वि तेसिं णो णिकरणाए। एत्थ सत्थं समारंभमाणस्स इच्चेते आरंभा अपरिणाया भवंति । एत्थ सत्थं असमारंभमाणस्स इच्चेते आरंभा परिण्णाया भवंति । तं परिण्णाय मेहावी णेव सयं उदयसत्थं समारंभेज्जा, णेवण्णेहिं उदयसत्थं समारंभावेज्जा, उदयसत्थं समारंभंते वि अण्णे ण समणुजाणेज्जा । जस्सेते उदयसत्थसमारंभा परिण्णाया भवंति, से हु मुणी परिण्णायकम्मे । त्ति बेमि | 9 ॥ तइओ उद्देसो समत्तो || चउत्थो उद्देसो से बेमि- णेव सयं लोगं अब्भाइक्खेज्जा, णेव अत्ताणं अब्भाइक्खेज्जा | जे लोग अब्भाइक्खइ, से अत्ताणं अब्भाइक्खड़ । जे अत्ताणं अब्भाइक्खड़, से लोगं अब्भाइक्खड़ | जे दीहलोगसत्थस्स खेयण्णे, से असत्थस्स खेयण्णे | जे असत्थस्स खेयण्णे, से दीहलोगसत्थस्स खेयणे ।

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