Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission
View full book text ________________
आचारांग सूत्र - पढमो सुयखंधो
३ का अरई के आणंदे ? एत्थंपि अग्गहे चरे । सव्वं हासं परिच्चज्ज अल्लीणगुत्तो परिव्वए । ४ | पुरिसा! तुममेव तुमं मित्तं, किं बहिया मित्तमिच्छसि ? जं जाणेज्जा उच्चालइयं तं जाणेज्जा
दुरालइयं, जं जाणेज्जा दुरालइयं तं जाणेज्जा उच्चालइयं । पुरिसा ! अत्ताणमेव अभिणिगिज्झ, एवं दुक्खा पमोक्खसि । पुरिसा ! सच्चमेव समभिजाणाहि । सच्चस्स आणाए उवट्ठिए से मेहावी मारं तरइ । सहिए धम्ममादाय सेयं समणुपस्सइ। दुहओ जीवियस्स परिवंदण-माणण-पूयणाए, जंसि एगे पमायति । सहिए दुक्खमत्ताए पुट्ठो णो झंझाए | पासिमं दविए लोगालोगपवंचाओ मुच्चइ । त्ति बेमि |
|| तइओ उद्देसो समत्तो ||
चउत्थो उद्देसो
से वंता कोहं च माणं च मायं च लोभं च । एयं पासगस्स दंसणं उवरयसत्थस्स पलियंतकरस्स, आयाणं णिसिद्धा सगडब्भि |
२ | जे एगं जाणइ से सव्वं जाणइ, जे सव्वं जाणइ से एगं जाणइ ।
सव्वओ पमत्तस्स भयं, सव्वओ अप्पमत्तस्स पत्थि भयं |
४
जे एगं णामे से बहुं णामे जे बहुं णामे से एगं णामे ।
दक्खं लोगस्स जाणित्ता, वंता लोगस्स संजोगं, जंति वीरा महाजाणं | परेण परं जंति, णावकंखंति जीवियं ।
६ एगं विगिंचमाणे पुढो विगिंचइ, पुढो विगिंचमाणे एगं विगिंचइ ।
सड़ढी आणाए मेहावी लोगं च आणाए अभिसमेच्चा अकतोभयं ।
|८| अत्थि सत्थं परेण परं, णत्थि असत्थं परेण परं ।
जे कोहदंसी से माणदंसी, जे माणदंसी से मायादंसी, जे मायादंसी से लोभदंसी, जे लोभदंसी से पेज्जदंसी, जे पेज्जदंसी से दोसदंसी, जे दोसदंसी से मोहदंसी, जे मोहदंसी से गब्भदंसी, जे गब्भदंसी से जम्मदंसी, जे जम्मदंसी से मारदंसी, जे मारदंसी से णिरयदंसी, जे णिरयदंसी से तिरियदंसी जे तिरियदंसी से दुक्खदंसी । से मेहावी अभिणिव ज्जा कोहं च माणं च मायं च लोभं च पेज्जं च दोसं च मोहं च गब्भं च जम्मं च मारं च णरगं च तिरियं च दुक्खं च ।
एयं पासगस्स दंसणं उवरयसत्थस्स पलियंतकरस्स | आयाणं णिसिद्धा सगडब्भि | किमत्थि उवाहि पासगस्स, ण विज्जइ ? पत्थि | त्ति बेमि |
|| चउत्थो उद्देसो समत्तो ||
|| बिइयं अज्झयणं समत्तं ||
14
Loading... Page Navigation 1 ... 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116