Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission

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Page 41
________________ आचारांग सूत्र - पढमो सुयखंधो सुसाणे सुण्णगारे वा, रुक्खमूले वि एगया वासो || एतेहिं मुणी सयणेहिं, समणे आसि पतेरस वासे । राइंदिवं पि जयमाणे, अप्पमत्ते समाहिए झाइ ॥ णि पि णो पगामाए, सेवइ भगवं उढाए । जग्गावई य अप्पाणं, ईसिं साई आसी अपडिण्णे || ६ संबुज्झमाणे पुणरवि, आसिंसु भगवं उट्ठाए | णिक्खम्म एगया राओ, बहिं चंकमिया मुहुत्तागं || ७ सयणेहिं तस्सुवसग्गा, भीमा आसी अणेगरूवा य । संसप्पगा य जे पाणा, अदुवा पक्खिणो उवचरंति ॥ ८ अदु कुचरा उवचरंति, गामरक्खा य सत्तिहत्था य । अदु गामिया उवसग्गा, इत्थी एगइया पुरिसा य || ९ | इहलोइयाइं परलोइयाई, भीमाइं अणेगरूवाइं । अवि सुब्भिदुब्भिगंधाइं, सद्दाइं अणेगरूवाई ॥ १० | अहियासए सया समिए, फासाइं विरूवरूवाइं । अरइं रइं अभिभूय, रीयइ माहणे अबहुवाई || ११ स जणेहिं तत्थ पुच्छिंसु, एगचरा वि एगया राओ । अव्वाहिए कसाइत्था, पेहमाणे समाहिं अपडिण्णे || अयमंतरंसि को एत्थ, अहमंसि त्ति भिक्खू आहट्ट । अयमुत्तमे से धम्मे, तुसिणीए सकसाइए झाइ || जंसिप्पेगे पवेयंति, सिसिरे मारुए पवायंते । तंसिप्पेगे अणगारा, हिमवाए णिवायमेसंति ॥ संघाडीओ पविसिस्सामो, एहा य समादहमाणा । पिहिया वा सक्खामो, अइदुक्खं हिमगसंफासा || तंसि भगवं अपडिण्णे, अहे वियडे अहियासए दविए | णिक्खम्म एगया राओ, ठाएइ भगवं समियाए || १६ | एस विही अणुक्कतो, माहणेण मईमया । अपडिण्णेण वीरेण, कासवेण महेसिणा || त्ति बेमि || (बहसो अपडिण्णेण भगवया एवं रीयंति || त्ति बेमि ||) || बिइओ उद्देसो समत्तो || 35

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