Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission
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आचारांग सूत्र - बीओ सुयखंधो
४७ | तस्सिमाओ पंच भावणाओ भवंति, तत्थिमा पढमा भावणा- इरियासमिए से णिग्गंथे, णो
अणइरियासमिए त्ति। केवली बूया- इरियाअसमिए से णिग्गंथे पाणाई भूयाई जीवाइं सत्ताई अभिहणेज्ज वा वत्तेज्ज वा परियावेज्ज वा लेसेज्ज वा उद्दवेज्ज वा । इरियासमिए से णिग्गंथे, णो इरियाअसमिए त्ति पढमा भावणा। अहावरा दोच्चा भावणा- मणं परिजाणइ से णिग्गंथे, जे य मणे पावए सावज्जे सकिरिए अण्हयकरे छेयकरे भेयकरे अहिगरणिए पाओसिए पारिताविए पाणाइवाइए भूओवघाइए तहप्पगारं मणं णो पधारेज्जा । मणं परिजाणइ से णिग्गंथे, जे य मणे अपावए त्ति दोच्चा भावणा | अहावरा तच्चा भावणा- वइं परिजाणइ से णिग्गंथे, जा य वई पाविया सावज्जा सकिरिया जाव भूओवघाइया तहप्पगारं वइं णो उच्चारेज्जा । वइं परिजाणइ से णिग्गंथे जा य वई अपाविय त्ति तच्चा भावणा ।
अहावरा चउत्था भावणा- आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिए से णिग्गंथे. णो अणायाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिए । केव आयाणभंडमत्त - णिक्खेवणा असमिए से णिग्गंथे पाणाइं भूयाइं जीवाइं सत्ताइं अभिहणेज्ज वा जाव उद्दवेज्ज वा । तम्हा आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिए से णिग्गंथे, णो अणायाणभंडमत्त- णिक्खेवणासमिए त्ति चउत्था भावणा ।
अहावरा पंचमा भावणा- आलोइयपाण-भोयणभोई से णिग्गंथे, णो अणालोइयपाणभोयणभोई । केवली बूया- अणालोइयपाणभोयणभोई से णिग्गंथे पाणाणि वा भूयाणि वा जीवाणि वा सत्ताणि वा अभिहणेज्ज वा जाव उद्दवेज्ज वा तम्हा आलोइयपाणभोयणभोई से णिग्गंथे, णो अणालोइयपाणभोयणभोई त्ति पंचमा भावणा ।
एतावताव पढमे महव्वए सम्म काएणं फासिए पालिए तीरिए किट्टिए अवढिए आणाए आराहिए यावि
भवइ । पढमे भंते! महव्वए पाणाइवायाओ वेरमणं । ४९ | अहावरं दोच्चं भंते! महव्वयं पच्चक्खामि सव्वं मुसावायं वइदोसं । से कोहा वा लोहा वा भया वा
हासा वा णेव सयं मसं भासेज्जा, णेवण्णेणं मसं भासावेज्जा अण्णंपि मसं भासंतं ण समजाणेज्जा
तिविहं तिविहेणं मणसा वयसा कायसा। तस्स भंते ! पडिक्कमामि जाव वोसिरामि | ५० | तस्सिमाओ पंच भावणाओ भवंति
तत्थिमा पढमा भावणा अणुवीइ भासी से णिग्गंथे, णो अणणुवीइ भासी। केवली बूया- अणणुवीइ भासी से णिग्गंथे समावएज्जा मोसं वयणाए । अणुवीइभासी से णिग्गंथे, णो अणणुवीइ भासि त्ति पढमा भावणा ।
अहावरा दोच्चा भावणा- कोहं परिजाणइ से णिग्गंथे, णो कोहणए सिया। केवली बूया- कोहपत्ते कोही समावएज्जा मोसं वयणाए। कोहं परिजाणइ से णिग्गंथे, ण य कोहणए सिय त्ति दोच्चा भावणा |
अहावरा तच्चा भावणा- लोहं परिजाणइ से णिग्गंथे, णो य लोभणए सिया | केवली बूया- लोहपत्ते लोभी समावएज्जा मोसं वयणाए | लोहं परिजाणइ से णिग्गंथे, णो य लोहणए सिय त्ति तच्चा
भावणा ।
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