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गुणपाल- राजा लोकपालका पुत्र
४६।२४३ गुणवतो- एक आर्यिका ४६।२१९ गुणवती- राजा प्रजापालकी
पुत्री ४६।४५ गुप्तफल्गु- भगवान् वृषभदेवका
एक गणधर ४३।६२ गुप्तयज्ञ- भगवान् वृषभदेवका
एक गणधर ४३३६१ गुरु- भगवान् आदिनाथ
३६।२०३ गृहकूटक- चक्रवर्ती भरतका
वर्षाकालीन महल ३७।१५० गौतम- भगवान् महाबीरके
प्रतिगणधर
आदिपुराणम् क
कुबेरकान्त- चक्रवर्ती भरतका कच्छ- भगवान् वृषभदेवका एक अक्षय भाण्डार ३७।१५१ गणधर ४३३६५
कुबेरमित्र- एक सेठका नाम कनकरथ-कान्तपुरका राजा ४६।२१ .४७११८१
कुबेरमित्रा- समुद्रदत्त सेठकी कनकप्रम- राजा कनकरथ और
स्त्री ४६।४१ रानी कनकप्रभाका पुत्र कुमार- अर्ककीर्ति ४५।४२ ४७।१८१
कुम्भ- भगवान् वृषभदेवका एक कनकप्रमा- राजा कनकरथकी गणधर ४३१५४ स्त्री ४७।१८१
कुरुराज-हस्तिनापुरके राजा कनकमाला- राजा प्रजापालकी सोमप्रभका पुत्र जयकुमार रानी ४६।४९
३२।६८ कनकश्री- मृणालवतीके सेठ । कौरव्य- जयकुमार ४५१७८
सुकेतुकी स्त्री ४६।१०४ कृतमाल- एक देव ३५।७३ कमलावती- विमेलसेनकी पुत्री कृतमाल- एक देव ३११९४ ४७।११४
क्षितिसार- चक्रवर्ती भरतके काकोदर- एक साँपका नाम प्राकार-कोटका नाम ३७। ४३१९३
१४६ काञ्चना- स्वर्गकी एक देवी ४७।२६१
गङ्गा- गंगा नामकी देवी ३७।१० कान्तवती- अनिलवेगकी स्त्री गङ्गा देवी- एक देवी ४५।१४९४७।४९
१५१ कामदेव- भगवान् वृषभदेवका गणबद्धामर- चक्रवर्ती की आज्ञाएक पुत्र ४३।६६
का पालन करनेवाले एक कामवृष्टि- भरत चक्रवर्ती के प्रकारके देव, जो कि सोलह गृहपति-रत्नका नाम ३७। हजारको संख्या में चक्रवर्ती
को निधियों और रत्नोंकी कालो- नागीका जीव मरकर रक्षा करते हैं ३७-१४५
काली नामकी जलदेवी हुई गम्भीरावर्त- भरत चक्रवर्तीके ४३।९५
शंखका नाम ३७११८४ काशिपात्मजा- सुलोचना . गान्धारी- एक आर्यिका ४६। ४५।१६९
२३७ काशिराज- वाराणसीका राजा गिरिकूटक- चक्रवर्ती भरतका अकम्पन ४४।९०
राजमहल, जिसपर चढ़कर कीर्तिमती-वरकीति राजाकी सब दिशाओंको शोभा देखते - प्रिय स्त्री ४७।१४१
थे ३७।१४९ कीर्ति- एक देवी ३८।२२६ गुणपाल-एक मुनिराज ४७।६।। कुबेरकान्त- कुबेरमित्र सेठ और गुणपाल- श्रीपालकी जयावती
धनवतीका पुत्र कुबेरकान्त रानीसे उत्पन्न पुत्र ४६।३१
४७११७२ कुबेरश्री- वसुपालकी माता गुणपाल-विदेह क्षेत्रके एक ४७५
तीर्थकर ४७।१६३
चकधर- भरत चक्रवर्ती ३४।४६ चक्रपाणि - , ३४७१ चकिन्- ,२६१५९ चण्डवेग- चक्रवर्ती भरतके दण्ड
रत्नका नाम ३७।१७० चन्द्रचूल- भगवान् वृषभदेवका
गणधर ४३१६४ चित्ररथ- मनोरथका पुत्र
४६।१८१ चित्रवेगा-व्यन्तर देवी ४६।३५५ चित्रसेना- अतिबल विद्याधरकी
स्त्री ४७११०९ चित्रषेणा-व्यन्तर देवी ४६।३५५ चिन्ताजननी- भरत चक्रवर्तीके
काकिणी रत्नका नाम
३७।१७३ चिलात-विजयाके उत्तरवर्ती
खण्डमें रहनेवाला एक
म्लेच्छ राजा ३२।४६ चूडामणि- चक्रवर्ती भरतके
मणिका नाम ३२०४६
जगद्गुरु- भगवान् आदिनाथ
४१।१७ जगत्पाल-एक चक्रवर्ती ४७९