Book Title: Adi Puran Part 2
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 563
________________ माधवी = एक लता-मधुकामिनी २७.४७ मुखोन्मुखी=मुखके सम्मुख ३७१०५ मृगेन्द्रासन = सिंहासन २१११५८ मैथुन - साला ४६।३१७ मौजी = {जकी रस्सीसे बनी हुई मेखला ३८।१०४ विशिष्ट शब्द-सूची राजन्वती = उत्तम राजासे युक्त भूमि ३४।४७ राजीवास्य = कमलके समान मुखवाले २८।१८७ . राजेव = चन्द्रमाके समान ४४।३८ रोगाखु = रोगरूपी चूहे ३६६८९ का का अन्तराल ३६।१ रैराशि = धनकी राशि ३१६६२ लघु = शीघ्र ३४।३४ लघीयान् = अत्यन्त छोटा ३४।२४ लाट = लाट देशके राजा ३०१९७ लाला = लार ३५।४३ लालाटिक = सेवक ४३।१५७ लुब्धक = शिकारी ३७४१३४ यवीयान = अतिशय युवा ३४।४४ यवीयान् = छोटे भाई बाहुबली ३६।५२ यष्टव्याः = पूजा करने योग्य ४१।१३ याचित्रिम = याचनासे प्राप्त ३६।१२२ यादस् = जलजन्तु ३६।७९ यादसां पतिः= समुद्र ३६४७९ याममात्र = प्रहरमात्र ४२११७४ याष्टीक = यष्टि-लकड़ी धारण करनेवाले २७।१११ युग्य = वाहन ३५।२१ योग = ध्यान ३८।१७९ योग = अप्राप्त वस्तुको प्राप्त करना ३७११७ योगसिद्धि = ध्यानसिद्धि ३६।१५८ योगज = तपके प्रभावसे होने वाली ३६।१४४ वनीपकानीक= याचकसमूह ४५।१३७ वन्दारु= वन्दना करनेवाले ४२१२०७ वप्रभूमि = खेतकी भूमि २६।१४ वरना=चमड़ेकी मजबूत रस्सी ३५।१४९ वरिष्ट = अत्यन्त श्रेष्ठ ४४।३२ वरासेंहा = उत्तम नितम्बवाली स्त्री ३७।९२ वरूथ = रथ ३३।९ वर्क = तरुण हाथी २९।१५३ वर्ष = क्षेत्र ३८०४ वर्मन् = शरीर ३५।५२ वसुवाहन = धन, सवारी ३८१८ वागुरा = जाल ३७।४८ वाग्देवी सरस्वती ३५।४९ वाचंयम= मौनी ३८।१६२ वाचंयमत्व = मौनव्रत ३४।२०५ वाचिक = सन्देश ३४१८४ वाजि = घोड़ा ३५।४३ वात्सक = बछड़ोंका समूह २६।१११ वापेय = वापी देशके घोड़े ३०।१०७ वामी = घोड़ी ३०।१०१ वायुवीथ्यनुगामिन् = वायुके मार्गका अनुसरण करनेवाले, निष्परिग्रह ३४।१९० वारुणी = मदिरा, पश्चिम दिशा ३५।१५५ वारी = हाथी बांधनेका स्थान २९।१२२ वार्षिकी = वर्षाकालसम्बन्धी ___ ३४।१५६ वास्तु = घर २८१५१ विकर्षितम् = कम नहीं हुआ ३७।१५ विक्रया= विकार ३५१७ विगाढ = प्रविष्ट ३१३१४५ विग्रह = शरीर२६.६ विग्रह = युद्ध ३५।२३ वचोहर = दूत ३५।१३८ वञ्चनाचुन्चु - प्रतारणापटु, ठगनेमें होशयार ४६१८ वज्रसार = वज्रके समान स्थिर ३५।५२ वज्रिजय = इन्द्र विजय ३७।१६३ वणिज = वैश्य ३८।४६ वत्सरानशन = एक वर्षका उपवास ३६।१८५ वत्स्ययुग = आगामी - पञ्चम - काल ४११५३ वदान्यकुल = दानियोंका समूह २६।१२ वनधिसरोवर २८०२२ वनमातङ्ग = जंगली ३४।१८६ वनक्ष्माज = वनके वृक्ष ३६।१२ वनसामज जंगली हाथी ३०।६३ वनजेक्षणा - कमललोचना ४७११४३ रजःसन्तमस =धूलिरूपी गाढ़ अन्धकार ३६२३ रथकट्या = रथोंका समूह ३६।४ रथाङ्ग = चकवा ३५।१६८ रथ्या = रथ चलने योग्य चौड़ी सड़क २६॥३ रद = दांत ३७४२३ रंहस् = वेग ३७।२४ राजवती% कुत्सित राजाओंसे युक्त भूमि ३४।४७ ७४

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