Book Title: Adi Puran Part 2
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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विशिष्ट शब्द-सूची
आहार्य - आभूषण३३।१२१ उपनाह = बाँधना ३२।२७,
उपशल्यभू = गाँवोंकी निकट- इज्या=पूजा ३८।२४
वर्तिनी भूमि ३५४४० इन = स्वामो ४४।२६५
उपाघ्रि = चरणोंके समीप इभ=हाथी ३५।४३
३६।१६५ इषुधि = तरकश ३६।१२
उपात्त = स्वीकृत-गृहीत ३८।२१ इष्टि = यज्ञ ३४।२१७
उपालब्ध = उलाहना दिया हुआ इह = इस लोकमें
३९।११३
उपोषित = उपवास करनेवाला ईडा=स्तुति ३६।९५
३५४१२५ ईडित =स्तुत ४१।२६
उन्मुक = जलती हुई लकड़ी
३४।५५ उड्डमरप्रिय = युद्धके प्रेमी २९।९३ ।। उल्वण = बहुत भारी ३७।१५८ उच्चावच= नानाप्रकारके ३५।२४८
ऊर्जस्वि = बलिष्ठ ३७८७ उत्कता = उत्कण्ठा ३५।१८७ ऊर्जिता = बलिष्ठता २८।१३४ उत्कोच = घूस ४६।२९६ उत्सेक = गर्व ३६।१२९
एकतान = मुख्यरूपसे लगे हुए उत्त्रस्त = खेदखिन्न ४११२
तन्मय ३४।२२१ उदगाह = जलप्रवेश ३७।१२६ एकावली = एक लड़का हार उदच = उत्तर दिशा ३०।९५ ३७।९६ उदन्यन् = प्याससे युक्त होता एणाजिन = मृगचर्म ३९।२८ हुआ ३४।१०७
एनस् = पाप ३५।१५५ उदन्वान् = समुद्र ३५।१८४ एनःप्रकर्षतः = पापको अधिकताउदर्क = फल ३९।१
से ४११५ उद्दात्र = काटनेके लिए हँसिया
औ ऊँचा उठाये हुए ३५।३० औक्षक = बैलोंका समूह २९।१६२ उदितोदित = एकसे एक बढ़कर
औत्पातिक = उत्पातको सूचित अभ्युदयसे युक्त ४३।१९० करनेवाला ३६।१५ उद्देश = स्थान ४०।१७
औपासिक = उपासकाचार. उद्ध = प्रशस्त ३५।२४४
सम्बन्धी ३९।९५ उद्दिष्ट = अपने उद्देश्यसे निर्मित ३४।१९९
कक्षा = तुलना ३५।१०५ उमस = नाक ऊपर करनेवाला कज = कमल २६३११ ... अहंकारी ३९।१०९
कडगार = बुस (भूसा) २९।१५६ उपक्षेत्रम् = खेतोंके समीप३५।३८ कणिश = बाले २६।१७ उपधि = बाह्य और अभ्यन्तर कणिशमारी-धानकी बालें परिग्रह ३४।१८९ ।
३५॥३१ उपघ्न = माश्रयभूत ३०।१७ कदर्यक= कृपण २९।११० उपगूढ = आलिङ्गित ३६।११० कबरी= चोटी ३७।१०७ उपबृंहित = वृद्धिको प्राप्त हुआ कमलावती= लक्ष्मी ३५।४९ ३४|१३०
कर = किरण, टैक्स ३५।१५७
करक = ओले ३६।२९ कराल = तीक्ष्ण भयंकर ३६।१६ कर्णजाह = कानोंके पास
३५।२०४ कहि = कब ३५।१४९ कलकण्ठी= कोयल ३७।१२१ कलत्र = स्त्री ३४।११९ कलम = हाथीके बच्चे ३६।१६८ कलम = धान ३५।३२। कलधौतमय = स्वर्णनिर्मित
४३।२६१ कल्पाधिप = इन्द्र ३९।१५ कादम्बजाया = कलहंसी २६६१० काञ्चीस्थान = नितम्ब ४३।१४३ कामरूपविधायिनी = मनचाहा
रूप बना देनेवाली ४६।३१७ कामितसंसिद्धि = कार
इष्टसिद्धि ३४।२१६ कामिनीकलकाशी = स्त्रियोंकी
सुन्दर मेखलाएँ ३५।२०३ काम्बोज = काबुली घोड़े ३०।१०७ कायमान% कुटियोंके प्रकार
२७।१३२ काहल = अस्फुट वचन बोलने___ वाले २७।२१ किमीय=किसका २८।१४३ किल्क = केसर २६।११ किलासिन : कुष्ठी ३३।२२ कुट्टिमभूतल =फर्स २६।९ कुक्षिवास = जहाँ रत्नोंका
व्यापार होता है ३७१७० कुटिब-हलमें लगी हुई बीज
बोनेकी नलो ३७।६८ कुण्ड= टेढ़ी अंगुलीवाला
४७११३८ कुण्डोधी=कुण्डके समान बड़े
बड़े थनवाली गायें २६।४६ कुतप= मकानकी देहरी २९४५७ कुन्त = भाला ३७।१६४ कुन्जक= अन्तःपुरमें रहनेवाले
बौने मनुष्य ३७।१४१
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