Book Title: Adi Puran Part 2
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 547
________________ व्यक्तिवाचक शब्द-सूची श्र अवतंसिका- चक्रवर्ती भरतकी रत्नमाला ३७।१५३ अशनिवेग- एक विद्याधर ४७।२१ अशनिवर- एक विद्याधर राजा ४७।१७५ अशोकदेव- मृणालवती नगरीका एक सेठ ४६।१०६ अष्टचन्द्र- विद्याधरविशेष ४४। अकम्पन- वाराणसीके राजा ४३।१२७ अकम्पन- वत्सकावती देशके विजयापर रहनेवाला एक विद्याधर राजा - पिप्पला. का पिता ४७.७५ . अक्षमाला- सुलोचनाकी बहिन लक्ष्मीमतोका दूसरा नाम ५२०२१ अक्षिमाला- सुलोचनाको बहिन लक्ष्मीमती, इसके दूसरे नाम अक्षिमाला, अक्षमाला ४५।६४ अग्निदेव- भगवान् वृषभदेवका एक गणधर ४३१४५ अचल- भगवान् वृषभदेवका एक गणधर ४३१५७ अजितञ्जय- चक्रवर्ती भरतका रथ २८1५८ अजितञ्जय- भरत चक्रवर्तीका पुत्र ४७।२८२ अटवीश्री- शोभा नगरके शक्ति षेण सामन्तकी स्त्री ४६।९६ अतिबल-एक विद्याधर ४७।१०८ अतिबल- भगवान् वृषभदेवका एक गणधर ४३१६५ अतिवीर्य- भरत चक्रवर्तीका पुत्र ४७।२८२ अतिपिङ्गल- पिंगल नामक कोतवालका पुत्र ४६।३६१ अधिराट- भरत चक्रवर्ती ३६।१९२ अनवद्यमति- भरत चक्रवर्तीका एक मन्त्री, जो कि सुलोचनाके स्वयंवरके समय अर्ककीतिके साथ गया था ४४।२२ ७२ अनन्तमति- एक आर्यिका ४६४७ अनङ्गपताका-विद्युद्वेगाकी सखी ४७१३४ अनन्तवीर्य-जयकुमारका पुत्र ४७।२७७ अनिलवेग- शिवंकरपुरका राजा ४७१४९ अनुत्तर- चक्रवर्ती भरतका सिंहा सन ३७११५४ अनुपमान- चक्रवर्ती भरतके चमर ३७।१५५ अनुपम- भगवान् वृषभदेवका एक गणधर ४३१६६ अन्त्यमनु- भरत चक्रवर्ती ३६।१०३ अपराजित- भगवान् वृषभदेवका एक पुत्र ४३.५९ अभेद्य- भरत चक्रवर्तीका कवच ३७।१५९ अमितमति- एक आयिकाका नाम ४६।४७ अमृत- भरत चक्रवर्तीका पेय । रस ३७।१८९ अमृतकल्प- भरत चक्रवर्तीके _ खाद्य पदार्थ ३७११८९ अमृतगर्म- भरत चक्रवर्तीके 'खाने योग्य लड्डू आदि पदार्थ ३७।१८८ अमोघ- चक्रवर्ती भरतके बाण ३७।१६२ अयोध्य- चक्रवती भरतका सेनापति ३७।१७४ अरिन्दम- भरत चक्रवर्तीका पुत्र ४७।२८१ अरिजय- भरत चक्रवर्तीका पुत्र ४७१२८१ अर्ककीर्ति- भरत चक्रवर्तीका पुत्र ४३१५३ आ आदिगुरु- भगवान् वृषभदेव ३४।४५ आदिभर्ता- भगवान् आदिनाथ ४११४ आदिवेधम- भगवान् आदिनाथ ३५।१०९ आदित्यगति- उशीरवती नगरी का राजा ४६।१४६ आदित्यगति- हिरण्यवर्माका पिता ४७।१८५ आद्यवेधा- भगवान् वृषभदेव ४२।२ आयस्रष्टा- भगवान् वृषभदेव ३६९५ आनन्द- एक राजा ४६।२८० आनन्दिनी- भरत चक्रवर्तीको - भेरी ३७११८२ आप्त- जिनेन्द्रका नाम ३९।१३ आवत-विजयाके उत्तरमें रहनेवाला एक म्लेच्छ खण्डका राजा ३२।४६ वेश्या उत्पलमाला- एक ४६।३०० राजा ऐक्ष्वाक- इश्वाकुवंशी भरत ३५।६७

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