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व्यक्तिवाचक शब्द-सूची
विषमोचिका- भरत चक्रवर्तीकी शिव- एक विद्याधर राजा पादुका ३७।१५८
४७।१७५ वीतशोका- श्रेयस्पुरके राजा शिवंकर महादेवी- जयकुमारकी
शिवसेनकी पुत्री ४७।१४३ रानी ४७।२७६ वीतशोका- राजा सुरदेवको शिवंकर-पुण्डरीकिणी पुरीका एक दासी ४६।३५२
एक उद्यान ४६।३४९ वीरअय- भरत चक्रवर्तीका शिवंकरा- सुलोचनाकी सपत्नी पुत्र ४७।२८२
४६।१० वीराङ्गद- भरत चक्रवर्तीके शिवकुमार- एक राजकुमार
हाथके कड़ेका नाम ४७११०० ३७।१८५
शिवसेन- श्रेयस्पुरका राजा वृषभ- भगवान् आदिनाथ ४७।१४२ ३४।२१६
शिवघोष- एक मुनि, जिन्हें वृषमध्वज-प्रथम तीर्थकर सुसीमा नगरमें केवल ज्ञान ४३।१
उत्पन्न हुआ ४६।२५६ वृषभसेन- भगवान् वृषभदेवका शुचिसाल- भगवान् वृषभदेवगणधर ४३१५४
का एक गणधर ४३१६४ वृषभेशिन्- प्रथम तीर्थंकर शीलगुप्त- एक मुनि ४३।८८ ३७१४
शीलगुप्त- , ४६।४८ वैजयन्त- चक्रवर्ती भरतके श्री- एक देवी ३८।२२६
महलका नाम ३७११४७ श्रीदत्त- मृणालवती नगरीका वैश्रवणदत्त- सागरसेन और एक सेठ ४६।१०५
सागरसेनाका पुत्र ४७।१९७ श्रीधर- एक राजा ४४।१०६ वैश्रवणदत्ता- सागरसेन और श्रीधर-श्रीपुरका राजा ४७।१४
सागरसेनाकी पुत्री श्रीपाल- एक मुनि ४६।२१७ ४७।१९७
श्रीपाल- राजा गुणपालका छोटा
पुत्र ४६।३४०
श्रीपाल- जम्बू द्वीपके पूर्व विदेह शकुनि- मेरुकदत्त सेठका . क्षेत्र सम्बन्धो पुण्डरीकिणी मन्त्री ४६।११३
पुरीका राजा ४७।४. शक्तिषण- शोभानगरके. राजा श्रीमती- सुलोचनाकी सपत्नी
प्रजापालका एक सामन्त ४६।१० ४६६९६
श्रीमती- राजा सुरदेक्की एक शची- इन्द्रकी इन्द्राणी ४६।२५७ दासी ४६।३५२ शतधनु- भगवान् वृषभदेवका श्रीमती- श्रीपुरके राजा श्रीधर- एक गणधर ४३१५४
की स्त्री ४७।१४ शातमातुरः- भरत चक्रवर्ती श्रेणिक-राजगृहका राजा, भग-
(शतस्य माता शतमाता, वान् महावीर स्वामीका तस्या अपत्यं पुमान् शात
प्रधान श्रोता ३८॥३ मातुरः ) ३७।२१
श्रेयान्स-हस्तिनापुरके राजा शशिप्रमा- उशीरवती नगरीके 'सोमप्रभके छोटे भाई, दान-
राजा आदित्यगतिकी स्त्री तीर्थके प्रवर्तक ४३१८२
संजयन्त- जयकुमारका छोटा
भाई ४७।२८० सत्यगुप्त- भगवान् वृषभदेवका
एक गणधर ४३१६० सत्यदेव- भगवान् वृषभदेवका
एक गणधर ४३१६० सत्यदेव- शोभानगरके शक्तिषेण
सामन्तका पुत्र ४६।९६ सत्यमित्र- भगवान् वृषभदेवका
एक गणधर ४३।६० सत्यवती- एक स्त्री ४६।३०६ सन्मार्गदेशिन्- जिनेन्द्रका नाम
३९।१३ समाधिगुप्त- एक मुनिराज
४७।१८३ समुद्रदत्त- एक सेठ, कुबेरमित्र
की स्त्री धनवतीका भाई . ४६।४१ समुद्रदत्त-एक जुआड़ी४६।२७९ समुद्रदत्त- सागरसेन और
देवश्रीका पुत्र ४७।१९६ समुद्रदत्त- प्रियदत्ताका पिता
४७।१८५ सम्राट- भरत चक्रवर्ती ३८।११ संवर- भगवान् वृषभदेवका एक
गणधर ४३।६१ सर्वविजय- भगवान् वृषभदेवका
एक गणधर ४३।५८ सर्वतोभद्र- चक्रवर्ती भरतके
गोपुरका नाम ३७।१४६ सर्वतोभद्र- एक महत्त्वका नाम
४३।२७८ सर्वदेव- भगवान् वृषभदेवका
एक गणधर ४३१५८ सर्ववित्- सर्वज्ञ, जिनेन्द्रका नाम सवा
३९।१३ सर्वयश- भगवान् वृषभदेवका
एक गणधर ४३१५७ सर्वयज्ञ- भगवान् वृषभदेवका
एक गणधर ४३१५७