Book Title: Adi Puran Part 2
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

Previous | Next

Page 552
________________ ५३४ वज्रायुध- एक राजकुमार ४३१८९ वरतनु - व्यन्तर देवोंका स्वामी २९।१६६ वरकीर्ति विजयपुरका राजा ४७।१४१ वरधर्मगुरु - एक मुनि ४६।७४ वरुण - भगवान् वृषभदेवका गण धर ४३।६३ वर्धमानक- चक्रवर्तीका नाटच गृह ३७।१४९ वरसेन - विमलसेनका पुत्र ४७।११७ वलि - एक राजकुमार ४३ । १८९ वसन्तिका- राजा सुरदेवकी एक दासी ४६ । ३५२ वसु- राजाका साला ४६।३१८ वसुपाल - पुष्कलावती देशपुण्डरीकिणी नगरीका राजा ४६।२८९ वसुपाल श्रीपाल चक्रवर्तीका भाई ४७ ४ वसुपाल राजा पुत्र ४६।३३२ - गुणपालका वसुदेव भगवान् वृषभदेवका एक गणधर ४३।५६ वसुधारक- चक्रवर्ती भरतका कोटार-संचयगृह ३७।१५२ वसुन्धर - भगवान् वृषभदेवका गणधर ४३।५६ वसुन्धरा राजा सुरदेवकी स्त्री ४६।३५१ वसुमती- लोकपालकी स्त्री ४६.६२. वसुमित्र - भगवान् वृषभदेवका पुत्र ४३।५९ वसुषेणा- राजा सुरदेवकी स्त्री ४६।३५१. वायुरध- प्रभावतीका पिता ४७।१८५ बायुरथ भोगपुरका एक विद्या -धर राजा ४६।१४७ आदिपुराणम् वायुशर्मा भगवान् वृषभदेवका गणधर ४३।५५ वारिषेणा - वसुपालकी ४६।३३२ वासव - एक मनुष्य ४७।१८ विचित्राङ्गद - अकम्पनका मित्र देव ४३ २०४ विजयगुप्त - भगवान् वृषभदेवका गणधर ४३।५८ विजय-जयकुमारका भाई ४७२८० विजयघोष - चक्रवर्ती भरतके पटह - नगाड़ेका ३७।१८३ विजयपर्वत- भरतका नाम स्त्रो विद्युत्प्रभ चक्रवर्ती कुण्डल २७१५७ विद्युत्प्रभा - गुणपालकी ४७।१८२ हाथी रत्न ३७।१७९ विजयमित्र भगवान् वृषभदेवका एक गणधर ४३।५९ विजयार्थ- जयकुमारका हाथी ४४।१०२ विजयार्ध - विजयार्ध पर्वतका अधिष्ठाता देव ३१।४२ विजयाधेश विजयार्थ पर्वतका स्वामी देव ३७।१२ विजयार्धकुमार विजयापर्यंत का अधिष्ठाता ३७।१५५ देव विजयिल - भगवान् वृषभदेवका गणधर ४३।५९ विद्युप्रभ- हस्तिनापुरके राजा सोमप्रभका दूसरा नाम ४३।८४ भरतके ४७।२७ छोटा विशुद्वेग एक चोर ४६।२९० विद्वेगा एक विद्याधरी - स्त्री और विद्युयोर हिरण्यवर्मा प्रभावतीपर उपसर्ग करनेवाला एक चोर ४६ । २४८ विनमि- भगवान् वृषभदेवका गणधर ४३।६५ विनमि विद्याधर ३२।१८० विनीत- भगवान् वृषभदेवका गणधर ४३।६१ विन्ध्यकेतु राजा विन्ध्यपुरीका निवासी राजा ४५।१५३ विन्ध्यश्री- विन्ध्यपुरीके राजा विन्ध्यकेतु और रानी प्रियङ्गीकी पुत्री ४५।१५४. विपुलमति एक चारण ऋद्धि घारी मुनि ४६।७६ विमलसेना - धान्यपुरके राजा विशालकी पुत्री ४७। १४७ बिमलसेन - एक विद्याधर ४७।११४ विमलश्री मृणालवती नगरीके सेठ श्रीदत्तकी स्त्री ४६।१०५ विमला - राजा सुरदेवकी एक दासी ४६।३५२ विमति - एक पुरुष ४६।२९१ विशाम्पति- चक्रवर्ती भरत २६१८८ विराग - जिनेन्द्रदेवका ३९।१३ विशामीश:- भरत ४१।१९ नाम चक्रवर्ती विशालाक्ष भगवान् वृषभदेव का गणधर ४३।६४ विशाल - धान्यपुरका ४७ १४६ विश्वसेन - भगवान् वृषभदेवका गणधर ४३।५९ विश्वेश्वर - जगत्के ईश्वर तीर्थ राजा कर ३९।२७ विश्वेश्वरा - भगवान्की माताका नाम ३८।२२५ विश्वसृज् - भगवान् वृषभदेव ३४२२२

Loading...

Page Navigation
1 ... 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566