Book Title: Adhyatma Prakaran
Author(s): Hukammuni, Hirachand Vajechand
Publisher: Hirachand Vajechand

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Page 677
________________ श्रीश्रात्मचिंतामणी Itemsareewalaam Parmer श्राकारसहितथापनाकहिये अथवाजेमअन्यलोकदेवदेवी नेकाष्टनांफलामके तेत्राकाररहितथापनाछे एसोरठदे शप्रसिद्धछे अथवाजेमसारंगरामजेने मोहो माथुकशुछे नहि गोललांबोत्रिखुणोजेवोमले तेवोथापेछे तेनुनाम आरोपजाथापनाकहिये एटलेबीजोथापनानिक्षेपोकह्यो. हवेद्रव्यनिक्षेपोकहियोछिये तेद्रव्यनिक्षेपानाबेभेद श्रा गमद्रव्यनिक्षेपो नोत्रागमद्रव्यनिक्षेपो भागमद्रव्यनिक्षे पोकेहेतांजेपुरुषनेस्वस्वरुपर्नुपरस्वरुपर्नुजाणपणुंछपणह मणांतेनोउपियोगनथी हवेनोआगमकेहेतां जेतेवस्तुमां गुणसर्वेछे पणहमणांतेवर्त्ततानथी तेनात्रणभेद जेपुर्वेश रीरहतुं पणहमणांमरणपाम्युं जेमश्रीरीखवदेवस्वामिनुं शरीरजेमजंबुद्वीपपन्नतिमांरुप लक्षण गुण वखाएया तेम आपणेकहियेछिये वलीभव्यशरीरकेहेतां हमणांतेगणम यनथी पणगुणमयेथाय जेमपद्मनाभतिर्थकर,शरीरव खाणीयेतदवत् तथाद्रव्यातिरक्तकेहेतां जेणेगुणवतै प गहमणांतेउपियोगवस्तुतानथी जेमरंमणीकेहेतां स्त्री महाचतुरविचिक्षण पोतानास्वामिसाथेक्रिडाकरवानीव खतेरमणिकेहेवाय तेवेसमेकोइकअपरचिताउत्पन्नथइ तेवारे रमणिपणानोउपियोगगयो तेबारतेद्रव्यमणिके हेवाय तदवतःअणउवियोगोदवो एटलएअनुजोगद्वार सुत्रनुवचन माटेउपियोगरहित तेनेद्रव्यनिक्षेपोकहिये

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