Book Title: Adhyatma Prakaran
Author(s): Hukammuni, Hirachand Vajechand
Publisher: Hirachand Vajechand
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सिद्धनीढालो.
७२१ क्तिवारोरे॥ तोसुमीनमुगतेजाय गतिसातमीएधारोरे || ॥ सु०२ ॥ एवोनदिसेनेम सातमीजावेरे ॥ तेहिजमगते जाय एमनिश्चेनथावेरे ॥ सु०३ ॥ नहिसंग्रामादिकतेह पातिकमोटुंरे ॥ तेमांकृषीकर्मदेख इत्यादिकनहिखों,रे ॥सू०४॥ तेथीननजाय स्त्रितेजागोरे॥ पणतेमोक्षजाय, चितमांत्राणोरे ॥सु०॥ जोगतिथीलेइयेपरीमाण. तोत मेसुणजोरे । भुजपरीदुजीएजोय त्रिजियेपंखीनाजोरे ॥सु०६॥ चतुःपदचोथियेजाय उरपरीजाएगोरे ॥पांचमी नतेह एमचितआगोरे सु०७॥ एमअधोगतिनुमान भिन्नभिन्नकहियेरे ॥ उर्धगतियेक पाठमेसर्गलश्येरे ॥सु०८॥ अधोगतिनोनेम उर्धनलाधेरे ॥ ज्ञानादिकगु
जेह मुक्तितेसाधेरे॥सु०९॥ चक्रीअरीबलजेह स्त्रिनवि थावरे॥ तेसुणजोअधिकार आगलकेहेवेरे ॥सु०१०॥ मुनीहकमभाखेएम दिलमांधरजोरे ॥ स्त्रिमुक्तेजाय शं कामतकरज्योरे ॥ सु०११॥ इतिढाल ११ मीसंपुर्ण ॥
ढाल१२मी। अजितजिनेश्वरचरणनिशेवा एदेशी॥ सुधीरेसरधाभवीतमेकरजो टालीमतपक्षदुर ॥ मुक्तित णुएकारणनाखु ज्ञानगुणतेभुर ॥ नवितमेसमजोरे एह वचनछेसाचु ॥१॥एआंकणी ॥ पद्विपामेतेत्यांजमुक्ति एवचनछेप्रमाण ॥ तोवासुदेवनेमहान चक्रिपणव खाण ॥न०२॥ बलदेवतोननजावे दोयगतीतसनाखी

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