Book Title: Adhyatma Prakaran
Author(s): Hukammuni, Hirachand Vajechand
Publisher: Hirachand Vajechand

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Page 738
________________ 726 सिद्धनीढालो. . अनुनवी जेसहेजसुखनादरियारे॥ध०१४॥ इतिढाल 15 मी संपुर्ण // ॥कलश // एमसिध्धगुणनाषा सहेजउलाषा // पनर नेदएभाखिया संक्षेपतसवरणवकीधो सिध्धांतमाहेजेदा खिया ॥ग०१॥ व्यवहारनयथीएभेदछे पंचदशकह्यासही निश्चयीसहेजस्वभावरमता अात्मसिध्धहोवेवही।ग०२॥ श्रात्मस्वरुपमलिंगादिकजे कोइनेददिसेनहि। स्वनाव दशामांथिररहे सलेशिकरणेसिध्धकहि॥ग०३॥ एमसि ध्ध-स्वरुपध्यावे परभावीअलगोरहि॥ अरुपीअमुर्ति जेह पामेसुखअनंतवही|ग०४॥ संवतगणिसेसतावीशे अषाडक्रष्णपक्षसहि ॥अमावासदिनएकीधो वारइंदुए वहि ॥ग०५॥ संघसुंदरसुरतशेहरनो तसआग्रहेचोमासु रहि // एहस्वरुपरचनाकिधी संघनेअतित्राणंदलहि ॥ग०६॥शुध्धसमकिततेहपामे जेसरधाकरेएहनी मनि हूकमशुध्धचिदानंदमय सिध्धपद्वीतेहनी॥ग०७॥संपुर्ण॥ - 7 // एसिध्धनापदरभेदनी // ॥ढालोसंपुर्ण //

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