Book Title: Adhyatma Prakaran
Author(s): Hukammuni, Hirachand Vajechand
Publisher: Hirachand Vajechand

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Page 701
________________ श्रीवात्मचिंतामणी - गलनी नेतमेअणअवगाहिकमकहोछो तेनोउत्तर जे त्यांकांइपुद्गलीकअवगाहनानहि नेत्यांजेछेतेनोत्रात्मी कश्रवगाहना तेएकअवगाहनात्यांअनंतीअवगाहना रहि माटेएअवगाहनातोकहेवामात्ररहीजे ने पुद्गलीका वगाहनामांएकमांबी जिसमायनहि अहियांकोइकहेशेजे मनुष्यतथाजनावरनाशरीरनेविषेकीडाप्रमुखपडछे माटे बिजिअवगाहना समायकेनहि तेनोउत्तर जेमनुष्यत थाजनावरनेविषकीडापडेछ तेतोअल्पशरीरीने नेरोंगा दिककारणेपमेछे माटेकांइमनष्यमांमनुष्यपमतांनथी ने जनावरजनावरमांपडतांनथीनेस्त्रिादिकगर्नधरे तेतो गर्ननोकोठोन्यारोजछे गर्भस्थीतिपुरीथये प्रसवथायमा टेएअवगाहनामांअवगाहनाकहेवायनहि माटेएतोस्थी तियानावछे माटेअहियापुद्गलीकनावमा बिजिअवगाह नासमातीनथ नेसिद्धनगवाननेतोएक सिद्धनीअवगाह नात्यांअनंतासिद्धनीअवगाहनारहीछे माटेएअवगाहना गणायनहि तेथीसिद्धनगवानअणअवगाहीछे तथावली अगुरुलघकहतां खटगुणीहाणधिअथवाहलवोनारे ए सर्वेव्यवहारनयकरीने सिद्धनगवाननेकहियछिये शामा टेकस्वअपीक्षायबेनहि परश्रपीक्षायेलाधेतेविचारसर्वस मतीग्रंथथकीजाणजो तथाअप्रणामीकहेता कोइगतिआ दिकविशेषणमवानोस्वनावनहि माटेअप्रणामीकहिये

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