Book Title: Acharang Sutra Saransh Author(s): Agam Navneet Prakashan Samiti Publisher: Agam Navneet Prakashan Samiti View full book textPage 3
________________ आचारांग सूत्र यह सूत्र गणधर सुधर्मा कृत द्वादशांगी में प्रथम सूत्र है। इसमें दो श्रुत स्कन्ध (विभाग) है। प्रथम विभाग में नव अध्ययन कहे गए हैं। जिनमें सातवें अध्ययन के अतिरिक्त पाठ अध्ययन उपलब्ध है / प्रत्येक अध्ययन में अनेक-अनेक उद्देशक है। जिसमें संसार से विरक्ति, संयम पालन में उत्साह और कर्मों से लोहा लेने की क्षमता वृद्धि को बल देने वाले संक्षिप्त शिक्षा वचन एवं प्रेरणा वचन कहे गए हैं। अंतिम 6 वें अध्ययन में भगवान् महावीर स्वामी का संयम पालन और कष्ट मय उनेक छद्मस्थ काल का संक्षिप्त परिचय है जो साधक के हृदय में विवेक एवं वीरता जागृत करने वाले प्रादर्श के रूप में उपस्थित किया गया हैं। द्वितीय श्रुत स्कन्ध में संयम पाराधन करने में जीवन के आवश्यक पदार्थ आहार-विहार, शय्या, उपधि आदि के विवेकों का विधान विधि एवं निषेध वाक्यों में किया गया है। भाषा प्रादि अन्य विषयों का विवेक भी है। अन्त में 25 भावना सहित 5 महाव्रत स्वरूप बताने के साथ भगवान् महावीर स्वामी की दीक्षा के पूर्व का तथा दीक्षा का एवं केवलज्ञान प्राप्ति का संक्षिप्त परिचय दिया गया है / उसके बाद उपदेशी उपमा युक्त 12 गाथा मय छोटा-सा विमुक्ति नामक अध्ययन हैं / - इस प्रकार इस पूरे सूत्र का विषय है संयम में उत्साहित करना एवं उसके पालन में सार्वत्रिक विवेक जागृत करना /Page Navigation
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