Book Title: Abhigyan Shakuntalam Nam Natakam
Author(s): Mahakavi Kalidas, Guruprasad Shastri
Publisher: Bhargav Pustakalay

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ अथ अभिज्ञानशाकुन्तलम् / अभिनवराजलक्ष्मी-भाषा-टीकाद्वयाऽलङ्कृतम् / ला सृष्टिः स्रष्टुराद्या, वहति विधिहुतं, या हविर्या च होत्री, . ॥श्रीः / / * श्रीगुरुप्रसादशास्त्रिकृता अभिनव-राजलक्ष्मीः * श्योतन्मदभरोदनकर, करिवराननम् / गुञ्जदिन्दिन्दिरोगोताऽवदानं दुण्ढिमाश्रये // 1 // नमो विद्वच्छिरोभूषारत्नाय, न्यायवार्द्धये / पितामहाय, गुरवे, स्नेहिरामजिशास्त्रिणे // 2 // 'धर्माऽर्थ-काम-मोक्षेषु वैचक्षण्यं, कलासु च / करोति, कीर्ति, प्रीति च, साधु काव्यनिषेवणम् ।।'-इति भामहोक्तर्विद्वद्भिः साधुकाव्यं निषेवणीयम् / तच्च द्विधा / तदुक्तं साहित्यदपणे 'दृश्य-श्रव्यत्वभेदेन पुनः काव्यं द्विधा मतम् / दृश्यं तत्राभिनेयं, तपारोपात्तु रूपकम् / / भवेदभिनयोऽवस्थाऽनुकारः, स चतुर्विधः / * भाषाटीका * आचार्य-श्रीसीतारामशास्त्रिपरिष्कृता भाषाटीकाअर्थ-अष्टमूर्ति भगवान् शिवजी की जो मूर्ति विधाता-ब्रह्माजी की पहिली सृष्टि है, (-अर्थात् जल,) और शिवजी की जो मूर्ति विधिपूर्वक हवन की

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 640