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रहने वाला व्यापारी जैसे धोखा खा सकता है, उसी प्रकार प्रती साधक को
आध्यात्मिक लेखा-जोखा न रखने से खतरे का सामना करना पड़ सकता है। . . ..
........ साधक अपने जीवन को ज्ञान ज्योति से आलोकित रक्खे, शान-पालोक में जीवन को निर्मलला की ओर अग्रसर करे और सम्पूर्ण रूप से ज्योतिर्मय बन जाए, यही दीपावली का संदेश है । इस संदेश को समझ कर जो आचरण करेगा उसका भविष्य आलोकमय बन जाएगा। .