Book Title: Aadhyatmik Aalok Part 03 and 04
Author(s): Hastimal Maharaj, Shashikant Jha
Publisher: Samyag Gyan Pracharak Mandal

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Page 403
________________ । ३६१ . देश ऋण के भार से दबा जा रहा हो और देश की प्रजा में भोग-विलास - की मनोवृत्ति बढ़ती जाए, इससे किसी का कल्याण नहीं होगा। ऐसे समय में प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है कि वह देश के हित में ही अपना हित समझे, देश के उत्थान-पतन में अपना उत्थान-पतन माने, देश के गौरव में ही अपना गौरव अनुभव करे और सादगी, संयम तथा त्याग भावना को अधिक से अधिक अपनाए। राष्ट्रीय संकट के समय, उससे लाभ उठा कर व्यक्तिगत स्वार्थसाधन की बात सोचना अपनी आत्मा को गिराना है और अपने पाँव पर आप ही ___ कुठाराघात करना है। समूह के मंगल में ही व्यक्ति का मंगल है। ... व्रत और नियम का संबल लेकर आध्यात्मिक विचार, सदाचार, सचाई:.. ... और वाणी का बल बढ़ा कर प्रत्येक नागरिक यदि अपने जीवन को ऊँचा: . . उठाएगा तो स्वतः ही समाज और देश का कल्याण होगा और प्रान्तरिक ... जीवन भी मंगलमय बन जाएगा। . . ......... .

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