Book Title: Yantrapurvak Karmadi Vichar
Author(s): Jain Mahila Mandal
Publisher: Jain Mahila Mandal

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Page 247
________________ ५५ क्षयोपशम सम्यकत्व ५७ सास्वादन ५८ मिथ्यात्व ५९ संज्ञी ६० असंज्ञी देशविरत १३ प्रमत्त-अ प्रमत्त-नि ६१ आहारी Fi अनिवृत्ति भाग १ ५ १ सूक्ष्मसंपराय. अबंध ० ५६ मिश्र सभ्य क्त्व अविरत १७ देशविरत् १३ प्रमत्त-अ प्रमत्त ९ मिश्र १ २ १७ २ १ ४ सास्वादन २१ ४ ६ १ मिथ्यात्व २२ मनुष्यगति प्रमाणे २ २ मिथ्यात्व २२ सास्वादन २१ मनुष्यगति प्रमाणे २ १० wz ४ ५६७ ४५६ ७१८४९ ६।७१८ ५/६/७ ७८९ ७१८१९ ४ ७/८/९/१० 91219 १।२।१ १।२।१ १।२।१ १।२।१ १२ भां. १२ भांगा. १२ १।२1१ |१।२।१ ४ ४ ८।९।१० अ. १1२1१ ७/८/९ १।२।१ १२ चो. ४ ४ ४ ४ ४ ४ चो... ४. १।३।३।१ ८ ८ अ. | २४|४८१२४ * २४।४८।२४ २२।४८।२४ २४|४८|२४ | २४|४८|२४ | २४|४८।२४ ९६ |८|१६|८ ८/१६/८ १२ Exorc ४ २८८ ९६ ९६ ९६ ५।१२।७ |४|१०|६ |७|१६१९ ६! १४१८ ५।१२।७ १९६ ९६ ९६. २४।४८।२४ ९६ १९२ २४।७२।७२।२४ १९२ ७।२४।२७।१०६८ ७।१६।९ ७।१६।९ RY ६४ ३२ ८/१८/१० ३२ ७।१६।९ ८४ ३२ २८ २४ ३२ ३२ ३२ ३२ ६८ ६८ ३६ ३२ १२०/२८८।१६८ १५७६ ९६।२४०११४४ ૨૪ ४ १६८|३८४।२१६ १४४।३३६।१९२ | १२०/२८८।१६८ ६४|१४४ |८० ५६।१२८।७२ २४ २ १ ૮. १ २०१६ ७६८ ५७२ ५७६ ७६८ | १६८।३८४।२१६ ७६८ ७६८ | १६८।३८४।२१६ ७६८ १६३२ | १६८।५७६।६४८।२४ ० १६३२ ५४४ २८८ | २५६ -[२३७]

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