Book Title: Yantrapurvak Karmadi Vichar
Author(s): Jain Mahila Mandal
Publisher: Jain Mahila Mandal

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Page 265
________________ मोहनी कर्मना बंधस्थानके उदयस्थानादिनुं यंत्र. बंध उदय भंग संख्या उदय स्थान पद उदय स्थान पद वृंद मोहस्यबंध भांगा उदय स्थानक स्थानक उदय चोवीसी ४० मोहस्य सत्तास्थानक २८८ २१ २ १३२ |७1८९।१०४ १।३।३।१ |८ २४।७२।७२।२४ /१९२ ४।२४।२७।१० ६८ १६८।५७६।६४८।२४० ११३२/२८।२८।२७।२६।२८।२७।२६। २८।२७।२६ ઇ૮૬ ३ १।२। १४ २४।४८।२४९६ १६ ९ ३२ १६८।३८४/२१६७६८ २८।२८।२८ ६७८९ ४ १।४।५।२ १२२४।९६।१२०१४८२८८ ६२८१४०।१८ ९२ १४४।६७२।९६०।४३२ २२०८२८।२४।२१।२८।२७॥२४॥२३॥ २२।२१।२८।२७।२४।२३।। २२२१॥२८॥२७॥२४॥२३॥२२॥ ५।६।७८४ १।३३।१ ८ २४।७२।७२।२४ १९२ ५।१८।२१।८५२ १२०।४३२।५.०४।१९२ १२४८/२८।२४।२१।२८।२७।२४।२३। २२१२१२७॥२७॥२४॥२३॥ । २२।२१।२८।२७२४॥२३१२२ ।५।६। ७ ४ १।३।३।१८०४।७२।७२।२४ १९२ ४।१५।१८।७ ४४ ९६।३६०।४३२।१६८ १०५६२४।२४।२१।२८।२४।२३।२२। २११२८।२४।२३।२२।२१ २८।२४/२३१२२ २८।२४।२१।१३।१२।११ ९ ४ [२५५] __. . २८।२४।२१।११।५।४ २८।२४।२१।४।३ . ._. २ २८।२४।२१।३।२ . २८।२४।२१।२।१ १ २८।२४।२१।१ ० २८।२४।२१

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