Book Title: Yantrapurvak Karmadi Vichar
Author(s): Jain Mahila Mandal
Publisher: Jain Mahila Mandal

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Page 303
________________ मार्गेणा २८ अवधिज्ञान २९ मनः पयवज्ञान १२६ ३० केवलज्ञान | ३१ मतिज्ञान ३२ श्रुतअज्ञान ३३ विभंगज्ञान ३४ सामायिक ३८ यथाख्यात ३९. दिशविरति ४० अविरति चारित्र) ३५ छेदोपस्थाप. १२६ नीय ६परिहारविशुद्धि | १२६ ४४ केवळ दर्शन ४५ कृष्ण लेश्या ३७ सूक्ष्मसंपराय १२६। ५० ध्रुवसत्ता अध्रुवसप्रकृति त्ताप्रकृति १२६ २२ ५१ भव्य ܢ ܕܕ | १२६ ५२ अभव्य ५३ उपशम १२६ | १२६ १२६ १२६ म्यकत्व ४१ चक्षुदर्शन १२६ ४२ अचक्षुदर्शन १२६ ४३ अवधिदर्शन १२६ १२६| १२२ १२२ x १२६ १२६ १२६ १२६ २२ १२६ २२ | १२६ १२६ २२ | १४८ | १२६ स- १२६ | २२।२० | १४८।१४६० ४६ नीललेश्या १२६ २२ ४७ कापोतलेश्या १२६ २२ ४८ तेजोलेश्या ४९ पद्मलेश्या > शुक्ललेश्या २१ ४५ २२।१९ १४८।१४५ १४५ | २२।१९ | १४८।१४५ १४५ २२।१९ १४८।१४५ १४५ २२।२० १४८।१४६ ० २२।२० १४८।१४६० २२।२० १४८।१४२० २२।२० १४८।१४२० २२ २२/२०१४८।१४२० २२ શ્ર્ - सत्ता प्रकृति ओघ १४८ २२ २२ २२ २२ २२ २२ १९ २२ १४८ १४८ १४८ १४८ | १४८ ८५ १४८ १४८ १० १४८ १४८ १४८ १४८ O १४८ | १४५ १४८ मिथ्यात्व ० [२९३] 0 १४५ ० ० ० ० सास्वादन ० ० ० O १४५१४७० १४५१४७० | १४५ १४७० ० 。 मिश्र ० ० ० ० उ. १४१ ० ० ० ० ० उ. १४१ उ. १४१ क्ष. १४५।१३८क्ष. १४५ । १३८क्ष. १४५।१३८ ० 0 ० | १४८ | १४७ १४७१४७६ ० अविरत 19 O | १४८ | १४७ १४७१४७. १४१ ३. १४५।१३८ | १४८ । १४७ १४७१४७ उ १४१ ऊ. १४१ उ. १५१ क्ष. १४५।१३८क्ष. १४५।१३८ क्ष. १४५/१३८ | | १४८। १४७ १४७१४७. १४१ ङ. १४१ उ. १४१ उ. १४५।१३८क्ष. १४५ । १३८५.१४५ ११३८ । क्ष. १४१ ऊ. १४१ उ. १४१ उ ० ० देशविर प्रमत्त उ. १४१ क्ष. १४५।१३८ ० ० | १४८।१४७ १४७१४७३. १४१ उ. १४१ उ. १४१ क्ष. १४९११३८ . १४५।१३८५.१४५ /१३८ | १४८ । १४७ १४७१४७ उ. १४१ उ. १४१ उ. १४१ क्ष. १४५।१३८क्ष. १४५।१३८क्ष. १४५ । १३८ १४१ उ. १४१ उ. १४१ क्ष. १४५।१३८क्ष. १४५ । १३८. १४५ । १३८ | १४८ । १४७ १४७१४७ उ. १४१ ऊ. १४१ उ. १४१ क्षे. १४५।१३८३.१४५।१३८.१४५ ।१३८ उ. १४१ क्षं. १४५।१३८ ० ० | १४८।१४७ १४७१४७७. १४१ ऊ. १४१ उ. १८१ क्ष. १४५।१३८. १४५।१३८ . १४५ । १३८ | १४८ । १४७ १४७१४७ उ. १४१ ऊ. १४१ उ. १४१ क्ष. १४५।१३८. १४५।१३८क्ष. १४५।१३८ । | १४८।१४७ १४७१४७७ १४१ उ. १४१ उ. १४१ क्ष. १४५।१३८क्ष. १४५।१३८क्ष. १४५।१३८ ० ० उ. १४१ क्ष. १४५/१३८ उ. १४१ क्ष. १४५/१३८ उ. १४१ क्ष. १४५/१३८ o क्ष. १४५।१३८ . १४५।१३८ क्ष. १४५ । १३८ О १० ० ० उ. १४१ उ. १४१ उ. १४१ क्ष. १४५।१३८. १४५।१३८ क्ष. १४५।१३८

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