Book Title: Vastusara Prakaran
Author(s): Bhagwandas Jain
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar

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Page 237
________________ (१८६) प्रतिष्ठादिक के मुहूर्त। राशि, योनि, नाडी, गण आदि जानने का शतपदचक्रनक्षत्र । भक्षर | राशि वर्श | वश्य | योनि | संख्या राशीश गण नाडी अश्विनी चू.च. चा. मेष | त्रिय | चतुष्पद मंगल EE भरणी मेष । पत्रिय चतुष्पद गज मंगल मनुष्य मंगल कृत्तिका | | मेष ३ वृष त्रिय ३ वैश्व चतुष्पद बकरा राक्षस अंत्य ५/ | रोहिणी | वैश्य चतुष्पद सर्प शुक्र मनुष्य २शक मृगशिर वे बो | २ वृष २ वैश्य २ चतुष्पद की | २मिथुन | २शूद्र । २ मनुष्य मनुष्य वान | बुध ध मनुष्य पुनर्वसु ३ बुध के को. ३ मिथुन ३ शूद हा.ही. कर्क |ब्राह्मण ३ मनुष्य जलचर माजोर १चंद्र पुष्य ब्राझए जलचर बकरा | चंद्रमा भाश्लेषा ब्राह्मण मार्जार चंद्रमा राक्षस मा. मी. मघा पत्रिय वनचर चूहा | सूर्य राक्षस अन्त्य सिंह पत्रिय वनचर मनुष्य मध्य 2. टो. १ त्रिय । वनचर ३ कन्या ३ वैश्य | ३ मनुष्य | सूर्य | प्राध का र हस्त प.पा. कन्या | वैश्य । मनुष्य | मैंस | बुध | देव पु.षा. मनुष्य प्राध - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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