Book Title: Vastusara Prakaran
Author(s): Bhagwandas Jain
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar

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Page 1
________________ जैन विविध ग्रंथमाला, पुष्प-३ CAMPARAN STONE श्री वीतरागाय नमः परमजैन चन्द्राङ्गज ठक्कर ‘फेरु' विरचित वास्तसार प्रकरण (हिन्दी भाषान्तर सहित सचित्र) अनुवादकपण्डित भगवानदास जैन इस प्रन्थ के सर्वाधिकार स्वरक्षित हैं । प्रकाशकजैन विविध ग्रंथमाला, जयपुर सिटी - - - मुद्रक के. हमीरमल लूनियाँ, अध्यक्ष–दि डायमण्ड जुबिली प्रेस, अजमेर . बीर निर्वाण सं० २४६२] विक्रम सं० १९९३ [ ईस्वी सन् १९३६ प्रथमावृत्ति १००० ] [ मूल्य पांच रुपया * TRIYAR Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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