Book Title: Vastusara Prakaran
Author(s): Bhagwandas Jain
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar

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Page 10
________________ विषयानुक्रमणिका पृष्ठांक AW विषय मंगलाचरण द्वार गाथा भूमि परीक्षा वर्णानुकूल भूमि ... दिक साधन चौरस भूमि साधन ... अष्टमांश भूमि साधन भूमि लक्षण फल ... शल्य शोधन विधि ... वत्सचक्र शेषनागचक्र वृषभवारतुचक्र गृहारंभे राशिफल ... गृहारंभे मासफल ... गृहारंभे नक्षत्रफल ... नक्षत्रों की अधोमुखादि संज्ञा शिलास्थापन क्रम ... खातलग्न विचार ... ... गृहपति के वर्णपति ... ... गृह प्रवेश विचार ... ग्रहों की संज्ञा ... राजा आदि के पांच प्रकार के घरों __का मान ... ... चारों वर्षों के गृहमान ... घर के उदय का प्रमाण ... मुख्य घर और अलिंद की पहिचान : :: :: :: :: :: :: :: :: :: :: पृष्ठांक | विषय शाला और अलिंद का प्रमाण .... गज (हाथ ) का स्वरूप ... २ शिल्पी के योग्य आठ प्रकार के सूत्र आय का ज्ञान ... २ आठ आय के नाम ... ... ४ | आय पर से द्वार की समझ ... ५ एक आय के ठिकाने दूसरा आय दे सकते हैं ? ... ... ६ कौन २ ठिकाने कौन २ आय देना ९ घर के नक्षत्र का ज्ञान घर के राशि का ज्ञान | व्यय का ज्ञान | अंश का ज्ञान १६ / घर के तारे का ज्ञान आयादि का अपवाद .... | लेन देन का विचार ... परिभाषा घरों के भेद ... घरों के नाम | प्रस्तार विधि ... ध्रुवादि १६ घरों का प्रस्तार ... ध्रुवादि घरों का फल २५ शांतनादि ६४ द्विशाल घरों के नाम २६ द्विशाल घर के लक्षण ... २७ शान्तनादि ६४ घरों के लक्षण ... २८ सूर्यादि आठ घरों का लक्षण ... w W AW ३ ४२ ४४ ३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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