Book Title: Vastusara Prakaran Author(s): Bhagwandas Jain Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra ByavarPage 12
________________ विषय 'प्रासाद की संख्या प्रासाद का स्वरूप के अंग प्रासाद मंडोवर के १३ थर नागर जाति के मंडोवर का स्वरूप मेरु जाति के मंडोवर का स्वरूप सामान्य मंडोवर का स्वरूप अन्य प्रकार से मंडोवर का स्वरूप प्रसाद का मान के जगती का स्वरूप प्रासाद के मंडप का क्रम मंदिर के तल भाग का नकशा मंदिर के उदय का नकशा मंडप का मान ... ११६ प्रासाद उदय का प्रमाण ११६ भिन्न २ जाति के शिखरों की ऊंचाई ११७ शिखरों की रचना ११८ आमलसार कलश का स्वरूप ११९ शुकनाश का मान १२० मंदिर में कैसी लकड़ी वापरना कनकपुरुष का मान ध्वजादण्ड का प्रमाण ध्वजा का मान द्वार मान बिम्बमान प्रतिमा की दृष्टि देवों का दृष्टि द्वार देवों का स्थापन क्रम [१४] Jain Education International पृष्ठांक ११० ११० ११२ ११२ ११३ ११३ ११४ ११४ विषय मंदिर के अनेक जाति के स्तंभ का नकशा कलश का स्वरूप नाली का मान द्वारशाखा, देहली और शंखावटी का स्वरूप चौबीस जिनालय का क्रम चौबीस जिनालय में प्रतिमा स्थापन १२१ १२१ १२२ १२४ १२४ चौबीस तीर्थकरों के चिह्न सचित्र १२५ ऋषभदेव और उनके यक्ष यक्षिणी १२७ अजितनाथ १२९ संभवनाथ १३० अभिनंदन १३० सुमतिनाथ क्रम १४१ बावन जिनालय का क्रम १४१ बहत्तर जिनालय का क्रम १४२ शिखर वाले लकड़ी के प्रासाद का फल १४२ गृहमंदिर का वर्णन १४२ ग्रंथकार प्रशस्ति १४४ वालेप बचलेप का गुण 35 " "" १३४ पद्मप्रभ १३५ सुपार्श्वजिन १३६ चंद्रप्रभ १३७ सुविधिजिन "3 "" "" === 33 १३७ शीतलजिन ” स्तंभ का उदयमान मर्कटी, कलश और स्तंभ का विस्तार १३७ | श्रेयांसजिन 99 "" For Private & Personal Use Only परिशिष्ट "" = = = = = = = = = 33 "" ... = = = = = = = = RRRRRRRR "" "" पृष्ठांक 35 १३८ १३९ १३९ १४० १४१ १४५ १४६ १४७ १४८ १४८ १४९ १५० १५० १५१ १५२ १५२ १५३ १५४ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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