Book Title: Vallabhacharya Stuti Ratnawali Prakash Sahit
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वास्तो टीका यद्वा उदनउदकस्यआर प्राप्तिर्यस्मातसतथा अथवा उदानिउदकानिआरातिसमुद्रादाददातीतितथा पद्दन्नोमासूह दित्यादिनाउदकस्यउदन्नादेशः घनापिरु जलएवतापनाशकोभवतीतिदिशेषणसार्थक्यात् परिकरोयम् अलंकार परि करःसामिप्रायविशेषणइतिकुवलयानन्देतहक्षणात् घनस्यामृतवृष्टिद्वारातापहरणरूपंकार्ययुज्यतएवेतिसममप्यलंका रलक्षणंतुतत्रैव सारूप्यमपिकार्यस्यकारणेनसमविदुरिति कित्वियानिहव्यतिरेकः यदयं पंकानांपापानां चयं समूह काटकर meeeeeeeeeeeeeeeee तापानपास्यद्भुविदैवसृष्ट्यायुक्तंहिसत्पुष्ट्यमृतोरुवृष्ट्या // आचार्यआनन्दघनोप्युदारचित्रंत्वयंपंकचयंजहार // 62 // जहार वार्दस्तुपंकंकर्दमंप्रत्युतोत्पादयति नतुतंहरति अतइदंतुचित्रम् पंकोऽघेकर्दमइतिहमः व्यतिरेकलक्षणंतुकान्याद शे शब्दोपात्तेप्रतीतेवासादृश्येवस्तुनोयोःतत्रयद्भेदकथनंव्यतिरेकासकथ्यतइति पूर्वोत्तराद्धयोःपादांतानुप्रासः शब्दा लंकारः इंद्रवज्ञापत्तम् // 62 // उक्तमेवामृतदानंप्रपंचयन्तिस्वागततिद्वाभ्याम् एवंहिसिद्धान्तः जगवद्विरहदुःखा सत्याप्तिर्भवतीति अतप्ततनूनतदामोअश्नुते दुःसहप्रेष्ठविरहतीव्रतापधुताशुनाइत्यादिश्रुतिपुराणवाक्येभ्यः अतएवा // 7 // se For Private and Personal Use Only

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