Book Title: Vallabhacharya Stuti Ratnawali Prakash Sahit
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir व०स्तो रेति वसंततिलकावृत्तम् // 68 // एवं स्तुत्वोपसंहरांति इति गोस्वाभीतिहिश्रीमदाचार्यवंशस्योपनाम अर्थ टीका स्तु गोर्वाचः स्वामी वागीशत्वात् यद्वा गोर्धेन्वा:स्वामी गोपालरूपत्वात अथवा गोमेःस्वामी तत्स्थाऽधर्मनिरासकत्वा दिति तादृशावटकेन अर्थादाचार्यवंश्येन गोकुलाधीशनाम्ना इति अनेनप्रकारेणशब्दसंघटनारुपेण तत्कृपया तेषामा | इतितत्कृपयाचार्यस्तुतिरत्नावलीकृता // गोस्वामिगोकुलाधीशनाम्नयंपर्यपूर्यत // 69 // चार्याणामेवरुपारपसाधनेनैवकृताइयं सन्निहिता आचार्याणां श्रीवल्लभाख्यानां स्तुतिरत्नावली एतन्नामकः ग्रंथः | पर्यपूर्यत परिपूर्तिमगमत् इहस्तुतिरत्नावलीतिरूपकम् // 69 // अथमनुष्यकृतोजगवत्स्तवोहि यथार्थोनभवति पतोवाचोनिवर्ततेअपाप्यमनसासहेतितत्रवाइमनसाऽप्रवृत्तेः अतस्तत्वयुक्तापराध क्षमापयंति यन्मयेति मया अज्ञा // 7 // For Private and Personal use only

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