Book Title: Uvangsuttani Part 05
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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मणिकंचण-मणुस्सलोय
१०११
६३,७१,८१,८४,६५,१०६,११७,१३७,१४३, १४५,१५६,१६७।८,१२,१७८,१८२,१६२, २२२,४१३,१६,२५,४६,६३,८२,११४;५।१६,
३२,३८ सू २०१७,१८ मणिकंचण (मणिकाञ्चन) ज ४।२६६।१ मणिदत्त (मणिदत्त) उ ५।२४,२६ मणिपेढिया (मणिपीठिका) ज ११४३,४४,४।१२,
१३,३३,१२३,१२४,१२६,१२७,१३२,१३३, १३६,१३६,१४५,१४६,१४७,२१८,२१६;
५॥३५ मणिमय (मणिय) प २।४८ ज ११४३;३।२०६;
४।५,७,१२,१३,२६,२७,४६,११४,१२३,
१२४;५।३५.५५ मणिरयण (मणिरत्न) ज ३१६,१२,२४,३०,८८,
६२,६३,११६,१२१,१७८,२२०,२२२,४।१६,
४६,६७,५१२८,५८७१७८ मणिरयणक (मणिरत्नक) ज ११३७,३।६३ मणिरयणत्त (मणिरत्नत्व) प २०१६० मणिवइया (मणिमती) उ ३।१५०,१५८ मणिवई (मणिमती) उ ३।१६६ मणिवर (मणिवर) ज ३।६२,११६ मणिसिलागा (मणिशलाका) प १७४१३४ मणुई (मनुजी) ज २११५ मणुण्ण (मनोज्ञ) प २३।१५,३०,२८1१०५;
३४।१६,२१ ज २१६४; ३३१८५,२००; ४।१०७,५।३८,५८ सू २०१७ उ ११४१,४४;
३।१२८,५।२२ मणण्णतर (मनोज्ञतर) ज २११०४।१०७ मणुण्णतरिय (मनोज्ञतरक) प १७।१२६ मे १२८,
१३३ से १३५ ज २०१७ मणुण्णत्त (मनोज्ञत्व) प ३४।२० मणण्णस्सरता (मनोज्ञस्वरता) प २३।१६ मणुय (मनुज) प६१८०।२,६८१;२०१५३,
२३।३६,८३,११३,१४६,१७२,२८।१४४, १४५;३१।६।१;३२।६।१ ज १।२२,२७,५०; २।१४,१६,१६,२१ से २६,२८ से ३७,४१ से
४६,५६,५८,६४,१२३,१२८,१३३,१३४, १३५,१४६,१४८,१५१,१५७,१५६४।८५, १०१,१७१ उ १११४,१५,२१,३।९८,१०१,
१३१,५।२३,३१ मणुयअसण्णिआउय (मनुजासंज्ञयायुष्क) प २०१६४ मणुयगति (मनुजगति) प ६॥३,८ मणुयगतिय (मनुजगतिक) प १३।१६ मणुयगामि (मनुजगामिन् ) ज ११२२,५०,२।१२३,
१२८,१४८,१५१,१५७;४।१०१ मणुयगतिपरिणाम (मनुजगतिपरिणाम) प १३।३ मणुयरयण (मनुजरत्न) ज ३।२२० मणुयलोग (मनुजलोक) सू १६।२१।८ मणुयलोय (मनुजलोक) सू १६।२२।१,३ से ६ मणुयवइ (मनुजपति) ज ३।३ मणुयाउय (मनुजायुष्क) प २०१६३,२३।१८,१५८ मणुस्स (मनुष्य) प ११५२,८२ से ८५.१२६;
२।२६;३।२५,३८,३६,१२६,१८३,४।१५८ से १६४,५।३,२३,२४,१००,१०१,१०३,१०४, १०६,१०७,११०,१११,११४,११५,११८ से १२०,६।२३,२४,४६,५५,६५,६६,७०,७२, ७६,८१,८२,८४,६०,६२,६४,९६,६७,९६ से १०४.१०८,११०,११३,११६, ७।४;८1८,६; ६८ से १०,१६,१७,२२,२३;११।२१,२२, २४,२६:१२।५,३२,१३।१६,१५१२२; १७१४५,४६,१२६,१६४,१७१,१६।४; २११७, ४८,२२।३६,२३।१६४,१९८; २६।१५; ३४।३३६।१।१,३६०४१,५२ ज २।६,७,५०, ५३,१६२,१६४;३।६८,१७८,२२१ सू २।३; १६।२२।१३;२०१२ उ ११२१,१२२,१२६,
१३३,१३६,१३७,१४० मणुस्सखित्त (मनुष्यक्षेत्र) प १७४ मणुस्सखेत्त (मनुष्यक्षेत्र) प ११८४;२७,२६
सू १९।२२।२१ मणुस्सगामि (मनुष्यगामिन् ) ज २१५८ मणुस्सरुहिर (मनुष्यरुधिर) प १७।१२६ मणुस्सलोय (मनुष्यलोक) सू २०१२
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