Book Title: Uvangsuttani Part 05
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 1174
________________ शब्दकोश कमांक स्थल अशुद्ध अंगपरियारिया अगरुयलहुयपज्जव अट्ठावण्ण xxuri अपज्जुवासणया अप्प अउज्झ (अंगपरिचारिका) अगक्छमाण ज २।१६३ (अष्टपञ्चाशत) अधमत्थिकाय (अपर्युपासना) अप्प (अल्प) जवासा अप्पिण (आ+स्फोट्य) अब्भंग अब्भतरपुरक्खरद्ध अब्भुक्ख अओज्झ (अंगप्रतिचारिका) अगच्छमाण ज २।१६३ (अष्टपञ्चाशत्) अधम्मत्थिकाय (अपर्युपासन) अप्पा (अल्पा) अप्पिण (आ+स्फोट्य) -अब्भंग अब्भंतरपुक्खरद्ध अब्भुक्ख १ अप्फोड ~ ~ ~ अब्भुट्ठ अब्भुट्ठ ~ ~ oury ~ ~ १६. आगासथिग्गल आहारगसरीरय इच्छामण उज्झरबहुल उत्तमपुरिस २०. अभिणंद अभिवुड्ढ (आकाश थिग्गल) (आरारकशरीरक) (इच्छामनस) (निर्झरबहुल) (उत्तमपुरु) उत्पन्न (उपदर्शयितुभ्) (ओधमेघ) ओलंग कक्खंत्तर (कछभी) अभिणंद अभिवुड्ढ (आकाश 'थिग्गल') (आहारकशरीरक) (इच्छामनस्) (उज्झरबहुल) (उत्तमपुरुष) उप्पन्न (उपदर्शयितुम्) (ओघमेघ) ओलंब कक्खंतर (कच्छपी) ~ उवदंसित्तए ओघमेघ २४. कच्छभी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 1172 1173 1174 1175 1176 1177 1178