Book Title: Uvangsuttani Part 05
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 1116
________________ वरुण - वहिय वरुण (काइ ) ( वरुणकायिक) ज ११३१ वरुणदेवया ( वरुणदेवता ) सु १०८१ वरुणवर ( वरुणवर ) सू १६ । ३१ वरुणोद ( वरुणोद) सू १६ । ३१ वरेल्लग (दे० ) १ १ ७६ वलभीघर ( वलभीगृह) ज २।२० वलभीसंठित ( वलभीसंस्थित) सु४।२ वलय ( वलय ) प १।३३।१, ११४३ ज ३६,२२२ वलयाकार संठाण संठिया ( वलयाकार संस्थानसंस्थित) ज ४।२३४,२४०, २४१ वलयागार ( वलयाकार ) सू १६२, ६, ६, १२, १६, २८,३२,३६ बलवा (वडवा ) प ११।२३ बलि (वलि) ज २।१५,१३३ उ १।३४,४०,४३, ४६,४८,४६,५१,५४,७४,७६,७६ वलय ( वलित) ज २११५; ३।१०६ ; ५१५ वल्लभ ( वल्लभ) ज १।२६ वल्लि (वल्ली ) ज २।१३१,१४४ से १४६, ३।३२ उ ५३५ वल्ली ( वल्ली ) प १।३३।११।४०,१।४८।६१ वल्लीबहुल (वल्लीबहुल ) ज १।१८ aate (व्यपगत ) प १।१।१२।२० से २७ ववहारसच्च (व्यवहारसत्य ) प ११।३३ वस ( वस् ) वसई ज ३।१२२ साहि ७७,८४,६१,१००, ११४,१४२,१६५, १६७।१४,१७३, १८१, १८६,१६६,२१३; * ५।२१,२७,४१ उ ११२१, ४२; ३।३३,१३६ वसंत (बसन्त) प ७।१४४।२ सू१२।१४ उ ५ । २५ वसंतमास ( वसन्तमास) सू १०।१२४।२ वसंतलय ( वासन्तीलता) ज५।३२ Jain Education International सट्ट (शा) उ ११५२,७७ वसण ( दसन ) प २।४०।१०,११ ज ३७, १८४ ज १।२४; २।१५,२३,२५, २६, २८, ३० से ३२, ३६,४०,४२,४३,७०,३१२०,३३,५४,६३,७१, ८४, १३७,१४३, १६७,१८२ V ववरोव (वि + अप + रोपय् ) बबरोवेइ प २२६ वसुदेवया ( वसुदेवता ) सू १०८० वसुहर ( सुधर ) ज ३।१२६।१ उ ३।१३० वसन्भूय (व्यसनभूत) ज २०४३ भमंस (वृषभमांस) सु १०।१२० वसभवाहण (वृषभ वाहन ) प २१५१ ज २६१; ५।४८ उ १।२२ ववरोविय (व्यपरोपित) उ ११२५, २६ ववसाय (व्यवसाय) ज ४। १४० | १ ववसायसभा (व्यवसायसभा) ज ४।१४० वहार (व्यवहार) प ११।३३।११६।४६ उ ३।११ वह ( व्यथ) उ५।२।१ वह ( वह) उ५।२।१ वह ( वधक ) ज २१२८ ज ३।१८५ वहस्सइ (वृहस्पति) ज ७ १३०, १८९।३ वस ( वश ) ज ३।५, ६, ८, १५, १६,३१,५३,६२,७०, वहिय ( व्यथित) ज ३।१११,१२५ १०३६ सभाणुजात (वृषभानुजात ) सू १२।२६ वसमाण ( वसत् ) प ३।१८,३१,१८० उ ११११०, १२६,१३३ वसह ( वृषभ ) ज २९१ ; ७ १७८ चं १४ वसहरूवधारि ( वृषभरूपधारिन् ) ज ७।१७८ सू १८ ।१४ वसहि ( वसति ) ज २०१६,३१८,३१,१४० उ १।११०, १२६, १३३,३०३६ वसा (दसा ) प २।२० से २७,१५।११२, १५१५० वसिट्ठकूड ( वाशिष्ठकूट) ज ४।२०४।१ बसु (वसु ) ज ७ १३०,१८६।३ वसुंधरा ( वसुन्धरा ) ज ५ | ६ |१ वसुहा ( वसुधा ) ज ३।१८,३१,१८० / वह ( वध् ) वहंति ज ७११६८।२ वह (वध) उ १।१३६; ३।४८, ५० For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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