Book Title: Uvangsuttani Part 05
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 1165
________________ १०८८ सेसय-सोमणस्सिय ज ११४६; २०५२,८८,१६१ ; ३।१५०,१५३, सोत्थिय (स्वस्तिक) प २।६४ ज २।१५; ३।३, १५७,१६१,१८३,४।३७,४१,५३,७०,६३, ३२,१७८,४।२८,५।३२ सू २०१८,२०।८।६ १०६,१४१,१४७,१५३,१५५,१५६,१६५, सोत्थियसाय (स्वस्तिकशाक) प ११४४।२ १७२,१७७,१८४,१८५,१८७ से १९१,२०३; सोदामिणी (सौदामिनी) ज ५१२ ५।८,५१,७४१३५।१ सू ८।१६।३।१०।२५, सोभ (शुभ) सोभंति ज ७।१ सोभते ज २।१५; १५२ से १६१,१११२ से ६:१२।१६ से २८; ३।२४।३,३७।१,४५।१,१३१।३ सोभिसु १८।२४१६।२२।२२ उ ११४८,२१६,२२; ज ७।१ सोभिसंति ज ७१ सू १६१ ३।७,४१२२,२८,५।१६,४५ सोमेंति सू १६।१ सोभेसु सू १६।१ सेसय (शेषक) प २३।१६० सोभंत (शोभमान) ज २११५ सेसवई (शेषवती) ज ५।६।१ सोभग्ग (सौभाग्य) ज ५६८,७० सेसिय (शेषित) ज ७।१४६ सोभण (शोभन) ज ३।२०६ सेह (दे०) प ११७६ सोभमाण (शोभमान) ज ३।२४।३,३७।१,४५।१, सोइंदिय (श्रोत्रन्द्रिय) प १५॥१,२,७,८,११ से १८, १०६,१३११३ ४०; १५।५८ से ६७,६९,७०,१३३,१३४; । सोभयंत (शोभमान) ज ७।१७८ २८७१ उ ३३३ सोभा (शोभा) ज १ सोइंदियत्त (श्रोत्रेन्द्रियत्व) प २८।२४;३४।२० सोभात (शोभयमान) ज ३।१७८ सोइंदियपरिणाम (श्रोत्रेन्द्रियपरिणाम) प १३।४ सोभिय (शोभित) ज ३।३५,२२१७।१७८ सोंड (शौण्ड) ज ७।१७८ सोभेत (शोभमान) ज ३।१७८ सोंडमगर (शौण्डमकर) प ११५६ सोम (सोम) ज ४।२०३;७।१३०,१८६२ सोंडा (शुण्डा) उ १।६७ सू २०१८,२०।८।२ उ ३।५१,१५१,१५२ सोक्ख (सौख्य) प २१६४।१४,१८.२२ सोम (सौम्य) ज २।१५ सू २०१४ उ ५१५,२२ सोमंगलक (सौमङ्गलक) प ११४६ सोक्खुप्पाय (सौख्योत्पाद) सू २०।६।६ सोग (शोक) प २३।३६,७७,१४५ ज २।१५,७०; सोम (काइय) (सोमकाथिक) ज ११३१ सोमणस (सौमनस) ज ४।२०३,२०४।१,२०५, ३।१०५ सोगंधिय (सौगन्धिक) ५११२०१४,१४४८१४४ २०८,२१५; ५।४६।३,५५,७।११७२ ज ३।१०,४।३,२५; १५ सू १०.८६।२ सोच्चा (श्रुत्वा) ज ३।६ उ ११२१,३।१३; सोमणसवक्खार (सौमनसवक्षस्कार) ज ४।२०५ ४।१४।५।२० सोमणसवण (सौमनसवन) ज ४।२१४,२४०, २४१,२४३ सोणि (श्रोणि) ज २११५ सोमणसा (सौमनस्या) ज ४।१५७।१७।१२०११ सोणिय (शोणित) प ११८४ ज ३।३६ उ ११५६, सू १०८८१ ६१,६२,८४,८६ ८७ सोमणस्सिय (सौमन स्थित, सौमनस्यिक) ज ३१५, सोणीक (श्रोणिक) ज ३।१०६।१ ६,८,१५,१६,३१,५३,६२,७०,७७,८४,६१, सोत्त (श्रोत्र) प १५७७ १०७,११४,१४२,१६५,१७३,१८१,१८६, सोत्तिय (शौक्तिक) प ११४६ १६६,२१३,४।२०३;५२१,२७ उ १।२१,४२, सोत्तिय (सौत्रिक) प १६६ ३।१२६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 1163 1164 1165 1166 1167 1168 1169 1170 1171 1172 1173 1174 1175 1176 1177 1178