Book Title: Uvangsuttani Part 05
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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१०६८
समुप्पन्न-सम्मामिच्छत्तवेयणिज्ज
समुप्पन्न (समुत्पन्न) ज २१७१,८५, ३१५
से ६३३६।३५ से ४१,४८ से ५२,५६,६५, उ १११११,११२
६६,७०,७३,७४,७६ समुप्पन्न कोउहल्ल (समुत्पन्न कौतूहल) ज ११६ सम्म (सम्पक) सू १०।१२६।४ उ १११११,११२
सम्म (सम्यक् ) ज २।६७ ; ३।१८५,१८६,२०६; समुप्पन्नसंसय (समुत्पन्नसंशय) ज ११६
७।११२॥३,४ समुप्पन्नसड्ढ (समुत्पन्नश्रद्ध) ज १६
सम्मट्ठरत्यंतरावणवीहिय ससुब्भव (समुद्भव) ज ५१५,४६
(संमृष्टरथ्यान्न रापणवीथिक) ज ५१५७ समुल्लालिय (समुल्लालित) उ १।१३८
सम्मत (सम्मत) प १११३३।१ समुल्लावग (समुल्लापक) उ ३।६८
सम्मतसच्च (सम्मतसत्य) प १११३३ समुल्लावय (समुल्लापक) उ ३।६८
सम्मत्त (सम्यक्त्व) प ११११५,१।१०११६,७,१३; समुवगूढ (समुपगूढ) ज ४।६१,२७३
. ३।१।१,१८।१११,२०।३६२३।१७४;३४।१०२ समुस्सासणिस्सास (समुच्छवासनि:श्वास) प १७।१, ज २११३३ उ ३।४७,८३ २,२८,२६
सम्मत्तवेदणिज्ज (सम्यक्त्ववेदनीय) प २३।१८१ समुस्सासणीसास (समुच्छ्वासनिःश्वास) प १७२ सम्मत्तवेणिज्ज (सम्यक्त्ववेदनीय) प २३११७,३३, समूसिय (समुच्छ्रित) ज ३१७८,५।४३
६५,१३७ समोगाढ (समवगाढ) प २१६४।१० सू १६।२६ सम्मताभिगमि (सम्यक्त्वाभिगमिन ) प ३४।१४ समोच्छण्ण (समवच्छन्न) ज ३११२१
सम्मइंसणपरिणाम (सम्यकदर्शनपरिणाम) समोप्पणा (समर्पणा) ज ३।११७
११३।११ समोयर (सं-+अब+त) समोयरंति ज ७६७ सम्मद्दिछि (सम्यक्दष्टि) प ३.१००।६।६७,६८; समोवण्णग (समोपपन्नक) १७।१३
१३।१४,१७,१७।११,२३,२५,१८७६;१६।१ समोसढ (समवसत) ज ११४ चं हसू ११४
से ५,२११७२,२३।२००,२०१:२८।१२५,१३५ उ३।५,१२,२१,२४,२८,२६,८६,१५६;४।४; सम्मय (सम्मत) उ ३।१२८ ५२३७
सम्मा (सम्यक् ) प १३।११ समोसर (- - ) समोसरइ ज १५० सम्माण (सं+-मानय्) सम्माणे इ ज ३।६,२७,४०, समोसरति ज ५।४६
४८,५७,६५,७३,६१,१२७,१३३,१३६,१४६, समोसरण (समवसरण) ज ५१५३ उ ३।२१,४।१० १५२,१८६,२१६ सम्माणज्ज ज २१६७ समोसरिय (समवत) ज ५।४८ उ १।१६,२।६३; सम्माणणिज्ज (सम्माननीय) सू १८१२३ ३।१५५,१६८; ५।१४
सम्माणवत्तिय (सम्मानप्रत्यय) ज ५।२७ समोहणित्ता (समवहत्य) प ३६।५६,६६,७०,७३, सम्माणियदोहद (समानीतदोहद) उ ११५०,७५ ७४ ज ३।११५
सम्माणेत्ता (सम्मान्य) ज ३६ उ ३५० सिमोहण्ण (+अब+हन) समोहण्णंति प सम्मामिच्छत्त (सम्यमिथ्यात्व) प २३।१७४ ३६१८३ ज ३।११५,१६२,२०८,५५,७
सम्मामिच्छत्तवेदणिज्ज (सम्यमिथ्यात्ववेदनीय) समोहण्णति प ३६।८२
प २३१६७,१८१ सभोहत (सनवहत) प ३।१७४
सम्मामिच्छत्तवेयणिज्ज (राम्यक मिथ्यात्ववेदनीय) समोहय (समवहत) प ३।१७४;१२४३, २११८४ प २३।१७,३३,१३६
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