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परिशिष्ट २ : विशिष्ट व्यक्तियों का परिचय [४८७ तो ब्राह्मणों ने इसके कुत्सित रूप को देखकर इसकी निन्दा की
और पीटा । यह देख यक्ष ने रक्षा की। बाद में ब्राह्मणपत्नी यशा के द्वारा सपरिवार क्षमा मांगने पर इस मुनि ने यज्ञान्न को ग्रहण किया और भावयज्ञ का प्रतिपादन किया। हरिषेण :१
यह मनुष्यों में इन्द्र के समान शत्रुओं का मानमर्दन करने वाला तथा पृथिवी पर एक छत्र राज्य करनेवाला दसवां चक्रवर्ती राजा था। इसने दीक्षा लेकर मुक्ति प्राप्त की।
इस तरह इन महापुरुषों में कुछ तो क्षत्रिय राजा हैं, कुछ जैन मुनि हैं, कुछ ब्राह्मण हैं, कुछ देव व तीर्थङ्कर हैं। ऋषभ, पार्श्व, महावीर, श्रेणिक, उदायन आदि ऐतिहासिक महापुरुष हैं ।
१. उ० १५.४२.
२. देखिए-जै० भा० स०, परि० २.
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