Book Title: Uttaradhyayan Sutra Ek Parishilan
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Sohanlal Jaindharm Pracharak Samiti
View full book text
________________
•
५२४ ]
शब्द
पृथक्त्ववितर्क- सवीचार पृथिवीकायिक
प्रकल्प
प्रकीर्णक
प्रकृतिबंध
प्रचला
प्रज्ञा
प्रत्यक्ष
प्रत्यभिज्ञान
प्रत्याख्यान प्रत्याख्यानावरणी
प्रत्येक शरीर
प्रदेश
प्रदेशाग्र
प्रधानगति
प्रभा
प्रभावना
प्रभूतधनसंचय
प्रमाण-प्रमाद
प्रमाद
प्रमादस्थानीय प्रमार्जना
प्रलंब
उत्तराध्ययन सूत्र : एक परिशीलन
पृष्ठांक शब्द
३४६
६५
३३, ४६३
५, ३३
Jain Education International
प्रज्ञापना
प्रतिक्रमण ६, ३००,३०२,३४३ प्रतिपृच्छना
३०७, ३४७
फल
प्रतिमा २३५, २३६,२४८,३६० प्रतिलेखना २२,३०६, ३०६ फलक प्रतिसंलीनता
३४०
फाँसी
१५३ प्राणत
१५६ प्राप्तनिर्वाण
१९३, ३४८ प्रायश्चित्त २०४ प्रोषध
प्रशम
प्रशिथिल
प्रस्फोटना
३००, ३०३
प्रांत कुल
२११ फूल
२१०
१६३
३७६
७०
२००
३६७, ४८०
१५६ बंध
६७ बंधन
७१ बंधु
२८
प्रवचनमाता २१,२४७, २८४
बकरा
बकरा- पालन
बढ़ई
बद्ध
बलभद्र
बलराम
बलश्री
बहिः विहार
२६८
२२४
२३, १६०
२५, ३०६ बहुश्रुत
बहुश्रुत-पूजा
बहुश्रुता
ગ
For Personal & Private Use Only
पृष्ठांक
...
१६८
२६८
२६७
३६६
११४
३८६
३४२
२३५
४१७
२६०
४२७
४१७
१७६, १८१
१४७
४०२
१४०, ४१४
४१५
३६८
८८
४१२, ४५७, ४८४
४६७, ४८४
४५७
३७६
२०६
१६
४०५
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558