Book Title: Uttaradhyayan Sutra Ek Parishilan
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Sohanlal Jaindharm Pracharak Samiti

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Page 558
________________ सुराग स्पर्श 532 ] उत्तराध्ययन-सूत्र : एक परिशीलन शब्द पृष्ठांक शब्द पृष्ठांक सुदर्शन 206 स्थावर 60,63 सुपर्णकुमार 111 स्थिति सुभाषित 43 स्थिरीकरण 200 सुमेरु 210 स्थल सुरा 415 स्थूलभद्र 205 स्नातक सूक्ष्म 60 सूक्ष्म क्रिया प्रतिपाति 346 स्मृति सुक्ष्मसंपरायचारित्र 230,231 स्वयंभूरमण 210 सूत्र 38 स्वर्गलोक सूत्रकृतांग . 33,463 स्वाध्याय 308,306, सूवरुचि 202 310,346 112 सेवा 345 सोमदेव 58,60 सौंदर्य प्रसाधन 412 सौधर्म हरिकेशिबल 16,248,256, 114,172 सौवीर . 318,338,362,398,407, स्कंदिल 408,411,464,468 स्कंध हरिकेशीय 71 स्वैलितनिंदना 306 हेरिर्षण स्तनितकुमार 112 हर्षकुल स्त्यानगद्धि 156 हर्षनंदनगणि 160,355 हस्तिनापुर 504 स्थेलचेर 106 हास्य 160 स्थेविरकल्प 257,431 हिंसा 261 स्थविरकल्पी 354 हैमवत स्थानांग 204 हैरण्यवत 58,60 338 हरि 504 27 16 487 स्त्री 58,60 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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