Book Title: Uttaradhyayan Sutra Ek Parishilan
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Sohanlal Jaindharm Pracharak Samiti

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Page 548
________________ ५२२] उत्तराध्ययन-सूत्र : एक परिशीलन पृष्ठांक १६० नरक ०८७ ५०० नलकूबर . ४८० १११ द्वींद्रिय २७ शब्द पृष्ठांक शब्द ७१ नपुंसक दोगुदुक ४७६ नभचर १०६. द्यूतक्रीड़ा ४१६ नमि १८,४०६,४५३,४७६ द्रव्य ५३,११८,१८३ नमिप्रव्रज्या १८,२३५ द्रव्ययज्ञ नमिराजर्षि १४४,३६४ द्रुमपत्रक ६० द्वादशांग २,२०६ नरकगति . १२६,१३१ द्वारकापुरी नरकायु १६० द्वारिका द्विमुख ४७९ नागकुमार १०१ नागार्जुनसूरि द्वीपकुमार १११ नाम १५४,१६१ १४३ नारक नारकी , १०३,१७१ नारी धर्म ६३,७४,१६३,१६५ नाविक धर्मकथा निःकांक्षित धर्मद्रव्य ६२,७६ निद्रा १५५,३०६ धर्मध्यान ३४८ निद्रानिद्रा १५६ धर्ममंदिर निर्जरा १८०,१८२ धर्मरुचि नियुक्ति ४७ धर्माचार्य २२६ निर्लोभिता १८६ धातकीखंड-द्वीप ५८ निर्वाण ३७५ धूमप्रभा निविचिकित्सा २०० ध्यान ३०६,३४८ निशीथ ५,१० निश्चयकाल निषिद्धिका नक्षत्र नग्गति ४७९ निष्क्रिय-अबद्धकर्म नग्न ४३१ निसर्गरुचि ४०२ ३६६ ३४७ २०० निर्वेद my ० नंदी ११२,४०८ • < Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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