Book Title: Uttaradhyayan Sutra Ek Parishilan
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Sohanlal Jaindharm Pracharak Samiti

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Page 539
________________ अनुक्रर्माणका अंकुश अंग १,५,२०८ १ ७० शब्द पृष्ठांक शब्द पृष्ठांक अजर ४२६ अजितदेवसूरि ४६ अजीव १७६,१८० अजीव-द्रव्य अंगप्रविष्ट अंगबाह्य अज्ञान १४४,३५८ . १,५,२०८ अज्ञानवादी ४३० अंजलिकरण २२५,३४५ अणु अंतरद्वीप ५८,६० अदत्तचित्त २६८ अंतराय १५४,१६१ अद्धासमय ८० अंधकवृष्णि ४७४ अधर्म ६३,७४,१६६ अधर्मद्रव्य .अक... ५८,५६ ६२,७६ अधोलोक ५५,६० अक... अध्ययन अकामा ३८,३०८,३४६ १७,३६६,३६७ अनंग अकालमरण ११७ अकिंचन अनंतानुबंधी २७८ १५६ अक्रिय गदी अनगार ४३० अगंधन ३६६ अनवस्थापना अनशन अग्निकायिक ३३२ अनाथ अग्निकुमार १३३,४७३ अग्निहोत्र ४०७ अनाथप्रव्रज्या अघातिया १५४ अनाथी २०,६२,२४६,४५६, अचेतन ६१,६३ अनाथी मुनि १३३,४७३ अचेल २१,२५५,३५४,४३१ अनापात-असंलोक २६६ .अचौर्य-महाव्रत २६१, अनापात-संलोक २६६ - अच्युत ११४ अनार्य ३६१,३६२ २४ ७७७ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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