Book Title: Uttaradhyayan Sutra Ek Parishilan
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Sohanlal Jaindharm Pracharak Samiti

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Page 543
________________ [ ५१७ पृष्ठांक १४६ २४ १४७,१५० ५८,५६ १६० नाव १५० १५३ ४२० अनुक्रमणिका शब्द पृष्ठांक शब्द कर्मपरमाणु ऐरावत कर्मप्रकृति ५८,५९ कर्म-बंध ओघनियुक्ति कर्मभूमि कर्मयोग ओघोपधि २५८ कर्मरज औ कर्मवन औदारिक ८६ कर्मसिद्धान्त औपग्रहिकोपधि कर्षक औषधिसेवन ४२१ कलिंग औषधोपचार - कल्प कल्पनी कंदर्प-भावना कल्पव्यवहार २६० कल्पाकल्प कंबोज २०६,४१३,४६६ कल्पातीत कथा . ४३ कल्पोत्पन्न कपिल कषाय कपिल ऋषि १८ कांपिल्य कपोतवृत्ति ३३६ काकिणी कमंडलु ५६ कापिलीय कमलसंयम ४६ कापोतलेश्या कमलावती ४०५,४६१,४७५ कामगुण करकंडू .. कायक्लेश करणगुणश्रेणी ३८७ कायगुप्ति करणसत्य २६६ कायोत्सर्ग करपत्र कार्मण १४७,१५३ काल कर्मकंचुक कालद्रव्य कर्मगुरु १५० कालिक कर्मग्रंथि १५० काशी x ww mrY ० ०.m aorm or or ur कंबल ११४ ४७५ ११३ १५६ ४५६,४७०,४६७ १४०,४१६ १६७ ४७५ २७३ ३३६ २८८,२६० ३००,३०३,३५० ४२६ कर्म ६२,६३,७४ ४६८ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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