Book Title: Tulsi Prajna 1990 09
Author(s): Mangal Prakash Mehta
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 4
________________ how -mom - - - ___खण्ड १६ सितम्बर, १९६० अंक २ अनुक्रमणिका १. समणी कुसुमप्रज्ञा : उत्तराध्ययन : एक समीक्षात्मक अध्ययन २. डॉ० के० आर० चन्द्र : प्राकृत व्याकरण में प्रयुक्त मध्यवर्ती प और व की परीक्षा ३. डॉ० रज्जन कुमार : पृथ्वीकाय : एक विवेचन ४. नंदलाल जैन : जैन शास्त्रों में भक्ष्याभक्ष्य विचार ५. डॉ. परमेश्वर सोलंकी : 'त्रिलोकसार' का कल्की राजा और यूनानी लेखकों का सैण्ड्राकोटस क्या एक हैं ? ६. चन्द्रकांत बाली, उपेन्द्रनाथ राय : सुमतितंत्र का शकराजा और उसका कालमान (प्रतिक्रियाएं) 7. Muni Mahendra Kumar : Theory of Relativity and Space Time 8. Dr. (Mrs.) Ratna Purohit : New Dimensions in Yoga Philosophy 9. Jagat Ram Bhattacharyya : Some Problems of Māgadhi Dialect आजीवन शुल्क : रु० ५०१.०० वार्षिक शुल्क : रु. ३५.०० इस अङ्क का मूल्य : रु० २०.०० नोट—यह आवश्यक नहीं है कि इस अंक में प्रकाशित लेखों में उल्लिखित विचार सम्पादक अथवा संस्था को मान्य हों। - - - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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