Book Title: Tulnatmak Dharma Vichar Author(s): Rajyaratna Atmaram Publisher: Jaydev Brothers View full book textPage 4
________________ . श्री विज्ञप्ति अपने देशी भाषा के साहित्य की अभिवृद्धि करने के सदुद्देश्य से श्रीमंत महाराजा साहेब सर सयाजीराव गायकवाड़ सेनाखा-सखेल, शमशेर बहादुर, जी. सी. एस. आई. जी. सी. आई. ई, ने कृपा कर दो लाख रुपए की जो रकम सुरक्षित रखी है उस के व्याज में से श्री सयाजी साहित्यमाला द्वारा अनेक विषयों के पुस्तक तय्यार किए जाते हैं। __ यह " तुलनात्मक धमविचार" नामक पुस्तक धी केंब्रिज मेन्युअल आफ सायन्स एन्ड लिटरेचर नामक ग्रन्थमाला के डा. एफ. वी. जेवन्सकृत कम्पेरेटिव रीलिजन नामक अंग्रेजी पुस्तक का हिन्दी अनुवाद है और उक्त ग्रन्थमाला के धर्म गुच्छ के 80 वें पुष्प के रूप में राजरत्न आत्मारामजी द्वारा तय्यार करवा कर विद्याधिकारी की भाषांतर शाखा द्वारा संशोधन करा कर प्रसिद्ध करते हैं। विद्याधिकारी कचेरी, भाषांतर शाखा. | ज. पु. जोशीपुरा. A. M. MASANI बड़ोदा . भा. म. विद्याधिकारी. 2-7-1921 .Page Navigation
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