Book Title: Tirthankar Ek Anushilan Author(s): Purnapragnashreeji, Himanshu Jain Publisher: Purnapragnashreeji, Himanshu Jain View full book textPage 7
________________ vi * शान्तिदूत, गच्छनायक आचार्य नित्यानन्द सूरीश्वर जी की आज्ञानुवर्ती एवं प्रवर्तिनी साध्वी देवश्री जी की गौरवशाली परम्परा को आलोकित करने वाली महत्तरा साध्वी सुमंगलाश्री जी म. की प्रशिष्या एवं कुशल निर्देशिका साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री जी की सुशिष्या विदुषी साध्वी पूर्णप्रज्ञाश्री जी म. ने जनभावना अनुरूप अहर्निश परिश्रम कर शास्त्रमंथन कर 'तीर्थंकर : एक अनुशीलन' पुस्तक का सफल संकलन एवं लेखन किया। छद्मस्थ-अवस्था के कारण त्रुटियाँ होना स्वाभाविक है। उन सभी स्खलनाओं के लिए सभी से 'मिच्छा मि दुक्कडं'। तीर्थंकर परमात्मा के जीवन विषयक सम्यक् ज्ञान के प्रचार का यह लघु प्रयास तेजस्वी करुणा यशस्वी कांति, ओजस्वी अनुपम श्वास, तीर्थंकर प्रभु जीवन रश्मि, शब्दारूढ़ सुवास । देव-गुरु और धर्मकृपा से, आदि मंगल प्रयास, सद्गुण-सिंचन सेवा समर्पण, स्वाध्याय साधना विकास॥ यह कृति जनप्रिय बने, जनग्राह्य बने, जनोपयोगी बने...यही भावना... हिमांशु जैन 'लिगा'Page Navigation
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