Book Title: Tattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tikat tatha Hindi Vivechanamrut Part 01 02 Author(s): Vijaysushilsuri Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti View full book textPage 7
________________ ( ५ ) इस ग्रन्थ का सुन्दर 'प्रास्ताविकम्' पं. हीरालाल जी शास्त्री, एम. ए. संस्कृत व्याख्याता, जालोर ने लिखा है, एतदर्थ हम आपके बहुत आभारी हैं । हरजी निवासी पण्डित गोविन्दराम जी व्यास के भी हम प्राभारी हैं, जिन्होंने संस्कृत भाषा में प्रस्तुत ग्रन्थ का सुन्दर पुरोवचः लिखा है । हमें इस ग्रन्थ को शीघ्र प्रकाशित करने की सत् प्रेरणा देने वाले भी उपाध्याय जी म. और पंन्यासजी म. हैं । ग्रन्थ के स्वच्छ, शुद्ध एवं निर्दोष प्रकाशन का कार्य डॉ. चेतनप्रकाशजी पाटनी की देख-रेख में सम्पन्न हुआ है । परमपूज्यपाद प्राचार्य म. सा. की आज्ञानुसार हमारे प्रेस सम्बन्धी प्रकाशन कार्य में सहकार देने वाले जोधपुर निवासी श्री सुखपालचन्द जी भंडारी, संघवी श्री गुणदयालचन्द जी भंडारी, श्री मंगलचन्द जी गोलिया, श्री मोतीलाल जी पारेख तथा श्री प्रकाशचन्द जी हैं । इन सभी का हम हार्दिक आभार मानते हैं । यह ग्रन्थ चतुर्विध संघ के सभी तत्त्वानुरागी महानुभावों के लिए तथा जैनधर्म में रुचि रखने वाले अन्य तत्त्वप्रेमियों के लिए भी अति उपयोगी सिद्ध होगा, इसी आशा के साथ यह ग्रन्थ स्वाध्यायार्थ आपके हाथों में प्रस्तुत है ।Page Navigation
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