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३४
विषय
कारिका
तादात्म्य संबंधकी सिद्धि ५३ १२. उनमें समवाय मानने
में दोष प्रतिपादन
अभेदका निराकरण ६ - २२ १३. समवाय में अनव
स्थादि दूषण
५. वास्तविक अभेदकी सिद्धिपूर्वक बौद्ध सम्मत दो ज्ञानों का निराकरण ६. अभेदबुद्धिके अभ्रा न्तताकी सिद्धि २६-३३ ७. पूर्वोक्त हेतुके सियादि दोषोंके अभावका समर्थन
८. दृष्टान्त में साध्यविकलताका अभाव ३५-३६
६. गुणाद में योगाभिमत औपचारिक
विषय
३. गुण गुणीकी अभेद बुद्धि सिद्ध नहीं है ७-८
४. बौद्धाभिमत कल्पित
स्याद्वादसिद्धि
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कारिका
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२३-२८
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१०. औपचारिक संख्याके स्वीकार में पुनः दोषप्रदर्शन
संख्याका निराकर और वास्तविक . संख्याकी सिद्धि ३७-४७
३४
११. गुणादि और संख्या में
४८-५३
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ब्रह्मदूषणसिद्धि
१. स्वतः ब्रह्मनिणयका
५५-७०
५२-१८६
( शेषांश पृ० २६ पर देखिए )
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५४
खण्डन
५२-५३
२. अविद्याका कथन ५४-५५
३. परतः ब्रह्मनिर्णय में
दोष ४. कल्पित भेदका निरा
करण और वास्तव भेदकी सिद्धि
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६१-६४
५. ब्रह्म जीव भेदसिद्धि ६५-८० ६. परको अविद्यारूप
माननेमें दोष ८१-८६ ७. परसे ब्रह्मसिद्धि मानने पर ज्ञानाद्वैतकी भी सिद्धिका प्रसंग ६०-६१ ८. प्रमाणसे ब्रह्मकी सिद्धि
मानने पर प्रमाण और प्रमेयके भेदसे द्वैतसिद्धिका प्रसंग ६२-२०७
५६-६०
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