Book Title: Surakshit Khatra
Author(s): Usha Maru
Publisher: Hansraj C Maru

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Page 11
________________ - मैं जानूं मैं द्रव्य हूं मैं ही सब हूं यदि मैं जीव हूं राजा समय की बलिहारी साधक, साधन, साध्य स्वरूप मुझ में गुप्त DANGER जतशे खतरा 10 A Poem to Share Devotee Instant Gratification Learning Match MONA, MOMA & Me Pure and Applied The Wedding 203-775-1906 ઉમેદ છે ખતરો છે જીવ તું જાણ ધંધો નિજમય થાજે પાણી કહો કે કમળ પ્રસંગ भा શબ્દો ને હું જીવની સાત ભૂલો સ્મૃતિ હુંકોણ હું છું અતીન્દ્રિય आस 8565575E 111 113 114 115 117 119 121 122 127 129 131 132 134 136 139 141 143 145 146 147 149 150 152 153 155 157 159 160 162 163 165 इच्छायें उपकारी सदा कई धर्म कर्ता कर्म कहानियां कैसी इच्छा ? क्षमावाणी खाली हाथ गुरु मिले जानूं तो जानूं स्वयं को जाल ज्ञान तो ज्ञान ही ज्ञान बहता केवल ज्ञान में ही ताजमहल दौड़ के मिल ले नई कली खिली पूर्ण सत प्रभु मानव मुझे गवारा नहीं मेरा जीवन धन्य मेरे ज्ञान का साथी मैं थकता नहीं मैं ही ध्रुव तारा मैने है खाया और खिलाया जी भर के राग विधि का विधान समुद्र स्वतंत्र स्वरूप हार फिर जीत Why Safe Danger 166 167 168 169 171 173 174 176 177 179 181 183 185 187 188 190 192 193 194 195 197 199 201 202 204 205 207 209 211 213 215 |

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