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जीवदया: धार्मिक एवं वैज्ञानिक आयाम : १७
नियम का अनुसरण ही सदाचार है। यदि हम निसर्ग की देन में अपने न्यायोचित अंश से अधिक लें तो वह दुराचार होगा। इस नियम के अनुसार हवा में तथा
जलस्रोतों में प्रदूषण फैलाना भी पाप है। 11. Eric S. Grase, Biotechnology Unizipped (Asian edition),
University Press (India) Ltd. 1977, Hyderabad. १२. ऊंट, घोड़े आदि आश्रित जानवर मानव के बिना जी नहीं सकते। अत: जंगल
अवस्था में ऐसे स्वतन्त्र जानवर नहीं हैं। १३. इससे घोर कृतघ्नता क्या हो सकती है? १४. भारत में सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति के बिना नये चिड़ियाघरों की स्थापना
अपराध है। १५. औषधियों के तथा क्रीम, शैंपू आदि के उत्पादन में हर बैच की सुरक्षितता जानवरों
पर प्रयोग से परखी जाती है। यह कानून के अनुसार अनिवार्य है। 16. Animal Liberation Front (ALF), People for Ethical Treatment
__ of Animals (PETA) आदि संस्थाएं प्रसिद्ध हैं। कभी-कभी जानवरों के हित के लिए संघर्ष करने वाले कैसे विवेकशून्य बनते हैं इसका एक उदाहरण प्रस्तुत है। सन् १९९० में टेनेस्सी विश्वविद्यालय में सेवारत डॉ० हैरम किचन नाम के पशुवैद्य की गोली मारकर हत्या की गयी। उनपर 'आरोप' था कि वे जानवरों पर वैज्ञानिक प्रयोग करते थे। यद्यपि ठोस सबूत के अभाव के कारण किसी को दोषी नहीं पाया गया तथापि यह स्पष्ट था कि एनिमल लिबरेशन फ्रंट से जुड़े लोगों ने यह हत्या की थी क्योंकि उस संस्था से मृतक तथा उनके विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को धमकी भरे पत्र आते थे। रक्षा भवति बहूनामेकस्यैवास्य जीवहरणेन। इति मत्वा कर्तव्यं न हिंसनं हिंस्रसत्त्वानाम् ।।८३।। श्रीमदमृतचन्द्रसूरिविरचित: पुरुषार्थसिद्ध्युपायः, मूल संस्कृत (कन्नड लिपि में) तथा कनड भावार्थ, ले. एतूरु शांतिराजशास्त्री, पं. ए. शांतिराजशास्त्री ट्रस्ट, १९९७,
बेंगलोर। 18. Maneka Gandhi, O. Husain, & R. Panjwani, Animal Laws of
India, Universal Law Publishing Co. 1996, Delhi. १९. अधिक जानकारी के लिए भारत का राजपत्र (Gazette of India) दि. १३-३
१९५९ तथा १७-२-१९६० 20. The Wild Life (Protection) Act 1972 (with amendments upto
1995), Universal Law Publishing Co. 1998, Delhi.
१७.
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