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देवगुप्तसूरि
वीरदेवउपाध्याय
सिद्धसूरि [वि०सं० १२६१] प्रतिमालेख
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----द्विवंदणीकशाखा प्रारम्भ--
} --ककुदाचार्यसंतानीयशाखा प्रारम्भ ---
देवगुप्तसूरि [वि०सं० १२७८ में पट्टधर बने]
[पट्टावली के अनुसार वि०सं० १३३० में मृत्यु; वि०सं० १३१४-१३२३]
प्रतिमालेख सिद्धसूरि [वि०सं० १३४६-१३७३] प्रतिमालेख;
| शत्रुञ्जयतीर्थोद्धारक समरसिंह के गुरु कक्कसूरि [वि०सं० १३७६-१४१२] प्रतिमालेख; वि०सं० १३९३
| में नाभिनन्दनजिनोद्धारप्रबंध एवं उपकेशगच्छप्रबंध देवगुप्तसूरि [वि०सं० १४३२-१४७६] प्रतिमालेख सिद्धसूरि [वि०सं० १४७७-१४९८] प्रतिमालेख कक्कसूरि [वि०सं० १४९९-१५१२] प्रतिमालेख
श्रमण, जुलाई-सितम्बर, १९९१
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