Book Title: Sramana 1991 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 183
________________ उपकेशगच्छ का संक्षिप्त इतिहास उपकेशगच्छीय मुनिजनों द्वारा प्रतिष्ठापित तीर्थङ्कर प्रतिमाओं एवं चरणचिन्हों पर उत्कीर्ण लेखों के आधार पर इस गच्छ के मुनिजनों की जो तालिका निर्मित होती है, वह इस प्रकार है कक्कसूरि [ प्रतिमालेख अनुपलब्ध ] Jain Education International T देवगुप्तसूरि [वि० सं० १३१४-१३२३ ] सिद्धसूरि [वि० सं० १३४६-१३८५ ] I कक्कसूरि [वि० सं० १३५६-१४१२ ] देवगुप्तसूरि [वि० सं० १३८९-१४३९ ] सिद्धसूरि [वि० सं० १४४५ ] कक्कसूरि [वि० सं० १४७१-१४८८ ] I देवगुप्तसूरि [वि० सं० १४६५ - १४९९ ] सिद्धसूरि [वि० सं० १४८२-१४९४ ] I कक्कसूरि [वि० सं० १५०१ - १५२८ ] I देवगुप्तसूरि [वि० सं० १५२८ - १५५९ ] 1 सिद्धसूरि [वि० सं० १५६६- १५९६ ] T कक्कसूरि [ प्रतिमालेख अनुपलब्ध ] I देवगुप्तसूरि [ " For Private & Personal Use Only " ] १८१ www.jainelibrary.org

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